SC : “देश में सब जगह दुष्कर्म ही दुष्कर्म” !

कोर्ट ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एक साल में 38,947 दुष्कर्म की घटनाएं हुईं

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश में बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में हर तरफ दुष्कर्म ही दुष्कर्म हो रहा है। हर छह घंटे में एक लड़की से दुष्कर्म होता है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई होनी चाहिए। मामले में 14 अगस्त को फिर सुनवाई होगी।ये टिप्पणियां न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर, दीपक गुप्ता और केएम जोसेफ की पीठ ने बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में सुनवाई के दौरान दिए।मालूम हो कि जस्टिस केएम जोसेफ ने मंगलवार सुबह ही सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ ग्रहण की है। कोर्ट ने इस मामले पर स्वयं संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की है। कोर्ट ने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि एक साल में 38,947 दुष्कर्म की घटनाएं हुईं। ये संख्या परेशान करने वाली है। कोर्ट ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संरक्षण गृहों में यौन उत्पीड़न की घटनाएं रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी मांगी है।इसके साथ ही कोर्ट ने देशभर में कहीं भी दुष्कर्म की शिकार पीडि़ता की मीडिया में धुंधली फोटो दिखाने पर भी रोक लगा दी। साथ ही कहा कि यौन उत्पीड़न के शिकार बच्चों का इंटरव्यू नहीं किया जाएगा। उनसे सिर्फ पोस्को कानून के मुताबिक जांच अधिकारी ही केस के सिलसिले में बात कर सकते हैं।कोर्ट ने एनजीओ के बारे में जांच किए बगैर पैसे जारी करने पर बिहार सरकार को भी फटकार लगाई। बिहार सरकार की ओर से पेश वकील रंजीत कुमार ने कहा कि मामला प्रकाश में आने के बाद जरूरी कार्रवाई की गई है। 26 मई को घटना की सूचना मिली और 30 मई को एफआइआर दर्ज हुई। एक आरोपित को छोड़कर सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच सीबीआइ को सौंप दी गई है। एम्स पटना, निम्हांस और टाटा इंस्टीट्यूट (टीआइएसएस) के काउंसलर काउंसलिंग कर रहे हैं।हालांकि टीआइएसएस के वकील ने इससे इन्कार किया। रंजीत कुमार ने कहा कि इसी सप्ताह पत्र भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि टाटा इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में 15 एनजीओ पर उंगली उठाई गई है जिसमें से नौ में यौन उत्पीड़न की शिकायत मिली है जबकि छह में मारपीट की शिकायतें हैं। उनमें मामले दर्ज हुए हैं जांच चल रही है। पटना हाई कोर्ट जांच की निगरानी कर रहा है। बिहार सरकार ने टाटा इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट सार्वजनिक करने का विरोध किया। कहा, रिपोर्ट कोर्ट को दे सकते हैं, लेकिन उसे सार्वजनिक करना ठीक नहीं होगा।न्यायमित्र अपर्णा ने कहा कि कोर्ट अलग से आदेश दे कि एम्स पीडि़तों को चिकित्सीय मदद और निम्हांस मनोचिकित्सा तथा टाटा इंस्टीट्यूट सामाजिक काउंसलिंग करे। टाटा इंस्टीट्यूट ने कहा कि महिलाओं के अलावा छोटे लड़कों का भी यौन शोषण हुआ है उनकी भी काउंसलिंग होनी चाहिए। कोर्ट ने पूछा कि क्या संरक्षण गृह मे रहने वाली बच्चियां स्कूल जाती थीं। इस पर टाटा इंस्टीट्यूट की वकील ने कहा कि लड़कियां संरक्षण गृह में बंद रहती थीं वहां शिक्षा की कोई सुविधा नहीं थी।कोर्ट ने जब केंद्र सरकार से पूछा कि वह ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए क्या कर रही तो सरकार के वकील ने कहा कि केंद्र ने एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने रिपोर्ट मांगी है, अगर एनजीओ ठीक से काम नहीं कर रहे हैं तो सरकार उन्हें पैसे देना बंद कर देगी और उन्हें बंद भी कर देगी। इस पर कोर्ट ने कहा कि कोई भी केंद्र की एडवाइजरी पर ध्यान नहीं देता।और पैसे रोकना या संरक्षण गृह बंद करना क्या समस्या का हल है। ऐसा करने से वहां रह रहे बच्चे प्रभावित नहीं होंगे। कोर्ट ने कहा कि संरक्षण गृहों की नियमित निगरानी होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि वे बच्चों के कल्याण को लेकर चिंतित हैं। एम्स पटना और टीआइएसएस को उनकी काउंसलिंग पर ध्यान देना चाहिए। कोर्ट ने सरकार को संरक्षण गृहों की स्थिति पर तैयार की गई सर्वे रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।

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