IndianNavyDay, 2050 तक 200 जंगी जहाज और 500 लड़ाकू विमानों के साथ विश्वस्तरीय होगी भारतीय नौसेना
नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने 2050 में चीन के सबसे बड़ी समुद्री ताकत बनने की अमेरिका की भविष्यवाणी पर कहा, ‘हमारे पास भी तब तक 200 जंगी जहाज और 500 लड़ाकू विमान होंगे
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने 2050 में चीन के सबसे बड़ी समुद्री ताकत बनने की अमेरिका की भविष्यवाणी पर कहा, ‘हमारे पास भी तब तक 200 जंगी जहाज और 500 लड़ाकू विमान होंगे। हमारी नौसेना भी विश्वस्तरीय होगी।’ सोमवार को नौसेना दिवस पर उन्होंने कहा कि हमारी नजर हिंद महासागर में चल रहे शक्ति संतुलन पर है। भारत इस इलाके की सुरक्षा करने के लिए जिम्मेदार है और यह हमारा कर्तव्य है कि इस क्षेत्र को सभी पारंपरिक और गैर पारंपरिक खतरों से दूर रखें। भारतीय नौसेना इसके लिए हर संभव उपाय कर रही है।’ अपनी 70 मिनट लंबी प्रेस कांफ्रेंस में नेवी चीफ ने लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर शामिल करने समेत नौसेना के आधुनिकीकरण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने 56 जंगी जहाजों और पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।
अगले दस सालों में इन्हें बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। इसके अलावा शिपयार्ड में 32 जंगी जहाजों का निर्माण चल रहा है। उन्होंने कहा कि नए बन रहे जंगी जहाजों में महिला आधिकारियों के रहने संबंधी सभी सुविधाएं होंगी ताकि वह पुरुष अधिकारियों के साथ बिना किसी समस्या के ड्यूटी को अंजाम दे सकें।
एडमिरल लांबा ने कहा कि पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत का निर्माण तीसरे और अंतिम चरण में है। 2020 तक हम इसका समुद्र में ट्रायल शुरू कर देंगे। विक्रांत के नेवी में शामिल होने के बाद हिंद महासागर में भारत की ताकत बढ़ेगी। इसके अलावा दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत का निर्माण भी तीन महीने के भीतर शुरू हो जाएगा।
अगले दस सालों में इन्हें बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। इसके अलावा शिपयार्ड में 32 जंगी जहाजों का निर्माण चल रहा है। उन्होंने कहा कि नए बन रहे जंगी जहाजों में महिला आधिकारियों के रहने संबंधी सभी सुविधाएं होंगी ताकि वह पुरुष अधिकारियों के साथ बिना किसी समस्या के ड्यूटी को अंजाम दे सकें।
एडमिरल लांबा ने कहा कि पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत का निर्माण तीसरे और अंतिम चरण में है। 2020 तक हम इसका समुद्र में ट्रायल शुरू कर देंगे। विक्रांत के नेवी में शामिल होने के बाद हिंद महासागर में भारत की ताकत बढ़ेगी। इसके अलावा दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत का निर्माण भी तीन महीने के भीतर शुरू हो जाएगा।