IAF चीफ ने कहा – नई सुरक्षा चुनौतियों से निपटने को तैयार रहे वायुसेना
उन्होंने जवानों के अनुशासन और समर्पण पर जोर देते हुये कहा कि वायु सेना के अनुशासन का इतिहास उच्चकोटि का रहा है। इ
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : वायु सेनाध्यक्ष बीएस धनोआ ने कहा कि वायुसेना के जाबांज देश के सामने आ रही नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहें। सरसावा एयरफोर्स स्टेशन खासा अहम हैं, क्योंकि यहां से जम्मू-कश्मीर नजदीक पड़ता है। ऐसे में पाकिस्तान कभी भी कुछ हरकत करता है तो सरसावा स्टेशन की अहम भूमिका होगी। वायु सेनाध्यक्ष मंगलवार को सरसावा स्थित कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले जवानों के साथ चाय पर चर्चा कर रहे थे।वायु सेनाध्यक्ष ने जवानों से कहा कि फिलहाल सुरक्षा की चुनौतियां बदल गई हैं। सियासी माहौल में भी बदलाव हुआ है। ऐसे में नई चुनौतियों के हिसाब से उन्हें तैयार रहना होगा। खासकर सरसावा एयरफोर्स के जवानों को हर समय चौकन्ना रहना है। उन्होंने जवानों के अनुशासन और समर्पण पर जोर देते हुये कहा कि वायु सेना के अनुशासन का इतिहास उच्चकोटि का रहा है। इसे सभी को मिलकर और अधिक बुलंदियों पर ले जाना है। सभी को अपना कार्य बहुत ही ईमानदारी और कर्तव्य निष्ठा से करते हुए देश की रक्षा करने में आगे रहना हैं।
सेनाध्यक्ष ने एयरफोर्स के 152- एचयू का दौरा किया। वहां की तैयारी और व्यवस्था को देखकर एयर कमाडोर समेत सभी अफसरों को शाबाशी दी। इससे पहले सेनाध्यक्ष ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सरसावा एयरफोर्स के स्क्वाइन लीडर राजीव पुंडीर, फ्लाइट लेफ्टिनेंट एस. मुहिलन, सार्जेंट शाहू और साजेंट प्रसाद को वार मेमोरियल पर हेलीकाफ्टर को पायलट कर पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की।इस दौरान सेनाध्यक्ष ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान युवा जाबांज अफसर जब टाइगर हिल्स के एरिया में थे, तभी उन पर अचानक हमला किया गया। उनकी शहादत 28 मई 1999 को हुई थी, इसलिए वह जाबांज अफसरों की शहादत के लिए यहां आए हैं। उनकी शहादत पर समूची वायु सेना को गर्व है।इस दौरान वायु सेना स्टेशन के एयर कमोडोर संदीप चौधरी, ग्रुप कैप्टन सूरज शंकर, 117 युनिट के विंग कंमाडर मोदित चौरसिया, 152 यूनिट के ग्रुप कैप्टन भोला, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी गु्रप कैप्टन सतेन्द्र, फ्लाईट लेफ्टिनेंट उपासना शर्मा, फ्लाईट लेफ्टिनेंट केएचआई सिंघा स्टेशन पीआरओ आदि मौजूद रहे।