GST काउन्सिल में बड़ा फैसला आने की संभावना

वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की शुक्रवार को होने वाली बैठक में सूक्ष्म, छोटे एवं मध्यम उद्योगों को GST रिटर्न फाइल करने के लिए राहत मिल सकती है. इनको तिमाही आधार पर जीएसटी भरने की छूट दी जा सकती है. छोटे व्यापारियों को जीएसटी के अनुपालन में भी राहत मिल सकती है. इसके चलते जीएसटी का अनुपालन मार्च 2018 तक टाला जा सकता है. इसके अलावा निर्यातकों को भी राहत मिल सकती है.

शुक्रवार को वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु निर्यातकों से भी मुलाकात करेंगे. ऐसे में निर्यातकों को छूट का ऐलान हो सकता है. सरकार निर्यात को बढ़ाने के लिए भी कुछ राहत दे सकती है. अधिकारियों ने कहा कि GST की पूर्ण बैठक में GST नेटवर्क के कामकाज में सुधार का भी आकलन किये जाने की संभावना है. परिषद की यह 22वीं बैठक होगी. इससे पहले वित्त मंत्रालय ने निर्यातकों के कई राउंड की वार्ता की है.

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि GSTN में गड़बड़ी पर गौर करने के लिये बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में मंत्रियों का समूह गठित किया गया है. समूह पोर्टल के काम के बारे में परिषद को जानकारी देगा. निर्यातकों से जुड़े मुद्दों पर गौर करने के लिए राजस्व सचिव हंसमुख अधिया की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट शुक्रवार को दे सकती है. इसके आधार पर परिषद निर्यातकों को कुछ राहत देने के लिए सिफारिश कर सकती है, ताकि रिफंड के रूप में फंसी उनकी कार्यशील पूंजी जल्द जारी हो सके.

इसके साथ ही केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) परिषद को यह सूचित करेगा कि वह 10 अक्तूबर से एकीकृत GST (IGST) रिफंड के लिये तैयार है. राजस्व सचिव के साथ पिछले महीने बैठक में निर्यातकों ने कहा था कि उनके GST रिफंड में अनुमानत: 65,000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं. वहीं, शुक्रवार को होने वाली GST परिषद की बैठक से पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अधिकारियों के साथ बैठक की.

बृहस्पतिवार को द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) के गोल्डन जुबली ईयर समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने GST में बदलाव करने का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा था कि GST से व्यापारियों को होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार कदम उठाएगी.

मोदी ने कहा था कि व्यापारियों को डरने की जरूरत नहीं है. पिछले रिकॉर्ड नहीं खंगाले जाएंगे. हम हालात बदलने के लिए कदम उठा रहे हैं. अगर जरूरत पड़ी, तो जीएसटी में बदलाव होगा. जीएसटी काउंसिल इस पर विचार कर रही है. मोदी ने यह भी कहा था कि हम लकीर के फकीर नहीं हैं, न ही हम दावा करते हैं कि सारा ज्ञान हमारे पास ही है.

बृहस्पतिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ गुजरात चुनाव, जीएसटी और देश की अर्थव्यवस्था को लेकर बैठक में चर्चा की. इस दौरान अमित शाह ने गुजरात चुनाव को लेकर ग्राउंड फीड भी पीएम मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली को दी.

सूत्रों की माने तो पार्टी फीड बैक के अनुसार छोटे व्यापारियों में बड़ा रोष हैं, जिसका कारण जीएसटी के बाद छोटे व्यापारियों के लिए एक्साइज ड्यूटी में छूट की सीमा कम होना है. पहले एक्साइज ड्यूटी में 1.5 करोड़ तक के बिजिनेस में छूट मिलती थी, लेकिन अब जीएसटी लागू होने के बाद 75 लाख तक के बिजनेस पर भी नॉमिनल टैक्स देना पड़ रहा हैं.

सूत्रों की माने तो संघ के लघु उद्योग भारती (जो छोटे व्यापारियों के बीच काम करता है) और स्वदेशी जागरण मंच ने भी जीएसटी लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी पर मिलने वाली छूट खत्म होने को लेकर व्यापारियों की नाराजगी से संघ, सरकार और बीजेपी नेतृत्व का आगाह कर चुका है.

इन्होंने कहा कि इसका खामियाजा चुनाव में उठाना पड़ सकता है. संघ के सूत्रों की माने तो सरकार ने अगर छोटे व्यापारियों को एक्साइज ड्यूटी पर मिलने छूट की सीमा को नहीं बढ़ाया, तो लघु उद्योग भारती और स्वदेशी जागरण मंच भी भारतीय मज़दूर संघ की तरह सरकार के ख़िलाफ प्रदर्शन करेंगे.

सरकार के सूत्रों की माने तो कल जीएसटी काउंसिल की बैठक में स्मॉल ट्रेडर्स को एक्साइज ड्यूटी के अलावा भी कई अन्य छोटी रियायतें मिल सकती हैं. गुजरात चुनाव को ध्यान में रखते हुए कपड़ा व्यापारियों की भी कुछ मांगे स्वीकार की जा सकती हैं. इसकी वजह यह है कि कपड़ा व्यापारियों ने जीएसटी का सबसे ज़्यादा विरोध गुजरात में किया था.

पार्टी के फ़ीड बैक के अनुसार कपड़ा व्यापारियों के विरोध का नुक़सान पार्टी को चुनाव में हो सकता हैं. शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में रिटर्न्स भरने की मियाद बढ़ाई जा सकती है. साथ ही पेट्रोल डीजल को जीएसटी के अंदर लाने के आम सहमति बनाने के लिए भी चर्चा होगी. इसके अलावा कुछ वस्तुओं पर जीएसटी घट सकता है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.