गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार की नीति नशाखोरी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं, नशीली दवाओं के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति:
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार की नीति नशाखोरी को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की है और वह देश को इस संकट से मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लोकसभा में देश में मादक पदार्थो की समस्या पर चर्चा का जवाब दे रहे शाह ने कहा कि इस समस्या से एकजुट होकर लड़ने के लिए सभी विभागों और राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय की जरूरत है। नशीली दवाओं के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उन्होंने सभी राज्यों से जिला स्तर पर नार्को समन्वय केंद्र या एनसीओआरडी समितियों की स्थापना करने का आग्रह किया । गृहमंत्री ने कहा कि जहां सभी राज्यों ने एनसीओआरडी समितियों का गठन किया है, वहीं सबसे महत्वपूर्ण बात जिला स्तरीय एनसीओआरडी समितियों को सक्रिय करना है, जो वर्तमान में केवल 32 प्रतिशत हैं ।
मंत्री ने कहा कि देशभर में जिला स्तर पर ऐसी समितियों के गठन से एनआईए और एनसीबी जैसी सभी केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय में मदद मिलेगी । शाह ने कहा कि नशीले पदार्थ समुद्र और हवाई मार्ग और यहां तक कि ड्रोन के जरिए भी देश में पहुंच रहे हैं । मंत्री ने जोर देकर कहा कि नशे के खिलाफ बहुआयामी लड़ाई सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को एक मंच पर लाने और इस समस्या के सभी पहलुओं पर ध्यान देने की जरूरत है ।
गृहमंत्री ने कहा कि राज्य एनआईए और एनसीबी जैसी एजेंसियों की मदद लेने के लिए स्वतंत्र हैं, जहां भी जांच का दायरा उनके अधिकार क्षेत्र में आता है और अगर विदेशी क्षेत्र भी शामिल है । गोल्डन ट्रायंगल और गोल्डन क्रीसेंट (वे देश जहां से भारत में ड्रग्स की आपूर्ति की जाती है) का उल्लेख करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि वह उन्हें डेथ ट्रायंगल और गोल्डन ट्राइएंगल के रूप में संदर्भित करते हैं । समस्या का मुकाबला करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों को सूचीबद्ध करते हुए मंत्री ने कहा कि 472 जिलों में नशे के रास्तों की मैपिंग हो चुकी है और दो साल बाद ऐसी स्थिति बनेगी जब नशा रैकेट में शामिल अपराधियों को सजा मिलेगी। शाह ने कहा कि नशा करने वाले पीड़ित होते हैं और उनका पुनर्वास सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, जिस पर सरकार काम कर रही है और उनके लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। हालांकि जो लोग नशा कर रहे हैं, उनके लिए सरकार को कोई रहम नहीं है और उन्हें सजा मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने कहा- नशीले पदार्थो के व्यापार से उत्पन्न धन देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देता है और हमारे बच्चों और युवाओं को इस समस्या से बचाने के लिए इसका मुकाबला करने की जरूरत है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शाह के जवाब के बाद एक बयान पढ़ा, जिसमें कहा गया है कि देश में ड्रग्स के खतरे से निपटने के लिए सदन एकजुट है।
शाह ने कहा, ‘‘जब नरेंद्र मोदी जी 2014 में प्रधानमंत्री बने, तो भारत सरकार ने मादक पदार्थों को लेकर ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति अपनाई।’’ शाह ने कहा कि मादक पदार्थों के खिलाफ तेजी से और सही दिशा में बढ़ रही लड़ाई के परिणाम दिखने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ युवा पीढ़ी पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और इसे दीमक की तरह नुकसान पहुंचाते हैं। शाह ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार इस संकट को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। गृह मंत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों का न केवल सेवन करने वालों पर, बल्कि समाज, अर्थव्यवस्था और देश की सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसे पूरी तरह से खत्म करना होगा।’’ सम्मेलन के आयोजन के साथ ही NCB द्वारा दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी और कोलकाता में लगभग 31,000 किलोग्राम मादक पदार्थ नष्ट किया गया।