फिर जागा अमेरिका का आतंकिस्तान के लिए प्यार, जमकर की पाकिस्तान की तारीफ

तीन देश पाकिस्तान, चीन और अमेरिका में एक समानता है। पाकिस्तान जहां अपनी हरकतों से बाज नहीं आता तो वहीं अमेरिका और चीन अपने दोहरे रवैये से। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दिखावा करने वाला अमेरिका अक्सर पाकिस्तान का बचाओ करता दिख ही जाता है। फिर से एक बार अमेरिका का आतंकिस्तान पर प्यार उमड़ आया है।

(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): तीन देश पाकिस्तान, चीन और अमेरिका में एक समानता है। चीन में एक अहम समानता है। पाकिस्तान जहां अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आता तो वहीं अमेरिका और चीन अपने दोहरे चारित्रिक रवैये से। आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दिखावा करने वाला अमेरिका अक्सर पाकिस्तान के सामने बीन बजाता दिख ही जाता है।फिर से एक बार अमेरिका का आतंकिस्तान पर प्यार उमड़ आया है। अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड आस्टिन ने पाकिस्तान के पक्ष में जमकर तारीफ की हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तान की तारीफ की हो, इससे पहले भी कई बार अमेरिका का दोहरा चरित्र दुनिया देख चुकी है। चीन तो अपने दोहरे चरित्र और विस्तारवादी मानकसिकता के चलते पूरी दुनिया में मशहूर है।

क्या कहा अमेरिका ने?

अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख के तौर पर नियुक्ति के लिए जनरल आसिम मुनीर को बधाई देने के बहाने आतंकिस्तान तारीफ की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच पुरानी रक्षा साझेदारी है। पेंटागन ने ऑस्टिन और जनरल मुनीर के बीच फोन पर हुई बातचीत की जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुख के तौर पर नियुक्ति के लिए जनरल मुनीर को बधाई दी और आपसी हित के विषयों एवं हालिया क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की। ऑस्टिन ने कहा, ‘‘मुझे पाकिस्तान के नवनियुक्त सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को बधाई देने का अवसर मिला। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा ‘अमेरिका और पाकिस्तान की पुरानी रक्षा साझेदारी है और मैं जनरल मुनीर के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।

पाकिस्तान अमेरिका के लिए भारत से लेकर अपने दोस्ती चीन और अफगानिस्तान की भी जासूसी करता है। इसके लिए अमेरिका उसे धन का उपहार देता रहता है। इसीलिए जब दुनिया के तमाम देशों ने कंगाल पाकिस्तान को कर्ज देने से इंकार कर दिया तो अमेरिका ने 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त मदद का ऐलान पाकिस्तान के लिए किया। इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 के रख-रखाव के नाम पर 45 लाख करोड़ डॉलर रुपये दिए थे। तब भारत ने अमेरिका के सामने अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई थी। मगर अमेरिका ने इसे पाकिस्तान को आतंकवाद से लड़ने के लिए मदद और एफ-16 के रखरखाव के लिए दी गई राशि बताया था। इसके बाद भारत की भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी।

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