DCGI ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की दी मंजूरी, PM मोदी ने दी बधाई

Corona Vaccine: देश में कोरोना वैक्सीन का इंतजार खत्म, WHO ने भी भारत का माना लोहा।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन का इंतजार खत्म हो गया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दी गई है। डीसीजीआइ के अनुसार दोनों वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित हैं। टीकाकरण के दौरान  दो-दो डोज डी जाएगी। इससे पहले इन दोनों कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश करने वाली सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (CEC) ने कुछ शर्तों के साथ दोनों वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को हरी झंडी दी थी, जिस पर आज डीजीसीआइ ने आखिरी मुहर लगाई है। भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल वीजी सोमानी ने दोनों वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद कहा कि यदि सुरक्षा संबंधी थोड़ी भी चिंता होती तो हम कभी भी इसे मंजूर नहीं करते। उन्होंने कहा कि यह दोनों टीके 100 फीसदी सुरक्षित हैं। उन्होंने आगे कहा कि हल्का बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ दुष्प्रभाव(साइड इफेक्ट) हर टीके के लिए आम हैं। उन्होंने कहा कि इससे नपुंसक होने की बात बिलकुल गलत है। बता दें कि आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसीत वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड नाम से भारत में उत्पादन कर रहा है, वहीं स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने विकसित किया है। डीसीजीआइ से मंजूरी मिलने के बाद अब देश में कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को डीजीसीआइ से अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करके कहा, ‘ वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की जंग में एक निर्णायक क्षण! सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक की वैक्सीन को डीसीजीआइ की मंजूरी से एक स्वस्थ और कोविड मुक्त भारत की मुहिम को बल मिलेगा। इस मुहिम में जी-जान से जुटे वैज्ञानिकों-इनोवेटर्स को शुभकामनाएं और देशवासियों को बधाई। यह गर्व की बात है कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है, वे दोनों मेड इन इंडिया हैं। यह आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए हमारे वैज्ञानिक समुदाय की इच्छाशक्ति को दर्शाता है। वह आत्मनिर्भर भारत, जिसका आधार है- सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। विपरीत परिस्थितियों में असाधारण सेवा भाव के लिए हम डॉक्टरों, मेडिकल प्रोफेशनल्स, वैज्ञानिकों, पुलिसकर्मियों, सफाईकर्मियों और सभी कोरोना वॉरियर्स के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। देशवासियों का जीवन बचाने के लिए हम सदा उनके आभारी रहेंगे।’

दिल्ली स्थित एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छा दिन है और नए साल की शुरुआत के लिए यह बहुत अच्छा तरीका है। दोनों टीके भारत में बनाए गए हैं। वे लागत प्रभावी हैं। हमें बहुत कम समय में टीका लगाना शुरू कर देना चाहिए।’ भारत में दो कोरोना वैक्सीन को आपातकाल में इस्तेमाल की मंजूरी मिलने का विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने स्वागत किया है।  डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वैक्सीन के लिए भारत द्वारा आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने के निर्णय का स्वागत करता है।

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