अयोध्या जनपद के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय नए विवाद पर फसे ,पहले भी कई तरह के रहे मामले

महापौर होने के बाद भी उन्ही के द्वारा संचालित कॉलेज के शिक्षक परेशान

अयोध्या जनपद के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय का अपने कार्यकाल के समय अनेक तरह के विवादों से नाता रहा है राम जन्मभूमि में जमीन विवाद हो या अयोध्या जनपद मैं हमारे सेना से रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर के लिए भूमि आवंटन का मामला हो इसके साथ साथ हमारे देश के तिरंगे को कूडे़ की गाड़ी में रखने का मामला हो इन सभी से महापौर जी का बहुत गहरा संबंध रहा है अभी हाल में इनके साथ एक और विवाद खड़ा हो गया है इनके द्वारा संचालित महाविद्यालय श्री परमहंस शिक्षण प्रशिक्षण विद्या कुंड , अयोध्या के प्राचार्य ने एक शिक्षक को बिना किसी लिखित नोटिस के महाविद्यालय से निष्कासित कर दिया और अवशेष वेतन का भुगतान तथा अनापत्ति प्रमाण देने से मना कर दिया जिससे शिक्षक को न्यायालय की शरण में जाना पड़ा और उसने न्यायालय के माध्यम से महाविद्यालय को नोटिस दे दिया क्योंकि शिक्षक के साथ-साथ वहां पर कार्यरत शिक्षकों को कोविड-19 के साथ-साथ पिछले 7 महीने से वेतन नहीं प्रदान किया गया है कहां जाता है इन शिक्षकों के वेतन से महापौर जी ने जमीन खरीद लिया है जब जमीन को बेचा जाएगा तो शिक्षकों का वेतन दिया जाएगा ऐसे में स्वाभाविक है कि शिक्षकों की मानसिक और आर्थिक दशा क्या होगी और वह महाविद्यालय को किस तरह की शिक्षा दे पाएंगे और वहां से निकलने वाले बच्चे किस प्रकार का भविष्य पाएंगे। भारतीय जनता पार्टी ने ऋषिकेश उपाध्याय को अयोध्या जनपद से महापौर का टिकट नहीं देकर एक सराहनीय कार्य किया इससे यह सिद्ध होता है कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी और योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा यह तथ्य एक एकदम सही है कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा प्रदेश और देश की जनता के लिए एकदम तत्पर है इनको किसी भी तरह से परेशान करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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