अमेरिका ने चीन में चल रहे विरोध प्रदर्शन का किया समर्थन, कहा- सबको शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठाने का अधिकार
(एन एल एन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : चीन में लॉकडाउन के विरोध में चल रहे प्रदर्शन को अमेरिका का साथ मिला है। अमेरिका ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा कि चीन की ‘शून्य कोविड नीति’काम नहीं करने वाली है। हम समझते हैं कि चीन के लिए शून्य कोविड रणनीति के जरिए इस वायरस को नियंत्रित करना पाना बहुत मुश्किल होगा। हम दुनिया के किसी भी देश में चल रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन करते हैं। अमेरिका ने कहा है कि चीन के कई हिस्सों में ‘शून्य कोविड नीति’ के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इस नीति के तहत चीन एक बार किसी इमारत या इलाके में कोरोना वायरस का मामला मिलने के बाद, उसे पूरी तरह से सील कर देता है जिस वजह से लोगों को असुविधा होती है।
शंघाई में एक अपार्टमेंट ब्लॉक में आग लगने के बाद चीन में कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ विरोध तेज होता दिख रहा है। स्थानीय मीडिया के अनुसार पीड़ितों को याद करने और प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए हजारों लोग शंघाई की सड़कों पर उतरे। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान कई लोगों को राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस्तीफे की मांग करते सुना गया।
आग से हुई मौतों के लिए फ्लैटों के ब्लॉकों में लगाए गए लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराया गया।
चीन के सबसे बड़े शहर और वैश्विक वित्तीय केंद्र शंघाई में विरोध प्रदर्शन में कुछ लोगों को पीड़ितों के लिए मोमबत्तियां जलाते और फूल चढ़ाते हुए देखा गया। अन्य लोगों को शी जिनपिंग, स्टेप डाउन और कम्युनिस्ट पार्टी, स्टेप डाउन जैसे नारे लगाते हुए सुना गया। कुछ के हाथ में खाली सफेद बैनर भी थे।
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस जॉन किर्बी ने एक संवाददाता सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका चीन के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है। किर्बी ने कहा कि अमेरिका ने फिलहाल चीन को किसी तरह की मदद की पेशकश नहीं की है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया भर में कोविड टीकों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता हैं। हमें चीन द्वारा हमारे टीकों को प्राप्त करने के लिए कोई अनुरोध या कोई दिलचस्पी नहीं मिली है।
किर्बी ने कहा दुनिया भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के लिए हमारा संदेश समान और सुसंगत है। लोगों को इकट्ठा होने और शांतिपूर्ण ढंग से नीतियों या कानूनों का विरोध करने का अधिकार दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन समस्या का हल करता है।