50 हजार करोड़ रुपये के डिफेंस प्रस्तावों की मंजूरी के बाद भारतीय नौसेना को मिलेंगी छह एडवांस्ड सबमरीन ।
भारतीय नौसेना काफी समय से इस प्रयास में जुटी है कि उसका जंगी जहाजी बेड़ा दुनिया में सबसे अव्वल हो। इसके लिए जरूरी है कि नौसेना के पास अत्याधुनिक तकनीक से लैस जहाज और सबमरीन हों।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भारत अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए बड़े कदम उठाने जा रहा है। भारत अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाने के मकसद से नौसेना के लिए छह एडवांस्ड सबमरीन के निर्माण के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल जल्द ही जारी करेगा। भारतीय नौसेना द्वारा दिए गए इस प्रपोजल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डिफेंस एक्वजीशन कांउसिल ने अपनी मंजूरी भी दे दी थी।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई एक बैठक में 50 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है. इस प्रोजेक्ट को स्वेदेशी कंपनी मझगांव डॉक्स लिमिटेड और L&T को सौंपा गया है।
आपको बता दें कि भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत संध्याक आज अपनी सेवा पूरी कर रिटायर हो रहा है। इस जहाज को 40 वर्ष कीसेवा के बाद रिटायर किया गया है। इसकी परिकल्पना पूर्व रियर एडमिरल एफएल फ्रेजर ने की थी। 1978 में इसका निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इस जहाज को 26 फरवरी, 1981 को वाइस एडमिरल एमके रॉय द्वारा भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना काफी समय से इस प्रयास में जुटी है कि उसका जंगी जहाजी बेड़ा दुनिया में सबसे अव्वल हो। इसके लिए जरूरी है कि नौसेना के पास अत्याधुनिक तकनीक से लैस जहाज और सबमरीन हों। जिस तरह से भारत के पड़ोसी चीन और उसकी सहायता से पाकिस्तान अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है उसको देखते हुए ये और भी जरूरी हो जाता है। फिलहाल इस डएफ़ेन्स प्रस्ताव से भारतीय नौसेना को मजबूती मिलेगी।