भारत-नेपाल रेल सेवा हुई शुरू, PM मोदी और देउबा ने किया रेलवे लाइन का उद्घाटन ।
DRM आलोक अग्रवाल ने बताया कि शनिवार (02 अप्रैल) को उद्घाटन के बाद रेलवे कर्मचारियों और कई बड़े अधिकारियों को लेकर ट्रेन कुर्था के लिए रवाना हुई।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भारत के पड़ोसी देश नेपाल के लिए अब रेल सेवा शुरू हो गई है। शनिवार यानी आज PM मोदी और नेपाली PM शेर बहादुर देउबा ने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया। इसके जरिए दोनों देशों के बीच जयनगर-बिजलपुरा-बरदीदास तक रेलवे लाइन को जोड़ा गया है। इसकी कुल लंबाई 69.08 किलोमीटर है।
पहले चरण में 34.5 किलोमीटर रेलवे लाइन का उद्घाटन किया गया, जो बिहार के जयनगर को नेपाल के जनकपुर के कुर्था स्टेशन से जोड़ेगी।
DRM आलोक अग्रवाल ने बताया कि शनिवार (02 अप्रैल) को उद्घाटन के बाद रेलवे कर्मचारियों और कई बड़े अधिकारियों को लेकर ट्रेन कुर्था के लिए रवाना हुई। रविवार से यात्रियों के लिए ट्रेन का परिचालन शुरू हो जाएगा।
खास बात ये है कि ट्रेन में सिर्फ भारतीय और नेपाली यात्री ही सफर कर पाएंगे। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए एक SOP जारी किया है, जिसमें दूसरे देशों के नागरिकों को ट्रेन में सफर करने की अनुमति नहीं दी गई है।
बिहार से नेपाल तक पहले नैरो गेज लाइन थी। 2014 तक इसी लाइन पर ट्रेन चल रही थी। भारत सरकार ने अब इस लाइन को ब्रॉड गेज में बदल दिया है।
बिहार से नेपाल तक पहले नैरो गेज लाइन थी। 2014 तक इसी लाइन पर ट्रेन चल रही थी। भारत सरकार ने अब इस लाइन को ब्रॉड गेज में बदल दिया है।
रेलवे ने उन पहचान पत्रों की लिस्ट जारी की है, जो इस रेल लाइन से यात्रा करने वालों के लिए जरूरी होंगे।
नेपाल में इंडियन कांसुलेट जनरल से जारी इमरजेंसी सर्टिफिकेट/आइडेंटिटी सर्टिफिकेट।
65 साल से अधिक और 15 साल से कम उम्र के लोगों के पास फोटो ID कार्ड जैसे- पैन कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेंस/ सीजीएचएस कार्ड/ राशन कार्ड होने चाहिए।
भारत और नेपाल के बीच नई रेल सेवा शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच सफर आसान हो जाएगा। अब लोग कम समय में नेपाल की यात्रा कर सकेंगे।
भारत और नेपाल के बीच नई रेल सेवा शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच सफर आसान हो जाएगा। अब लोग कम समय में नेपाल की यात्रा कर सकेंगे।
भारत-नेपाल के बीच रेल सेवा को लाइफलाइन माना जाता है। साल 2010 में छोटी लाइन को बड़ी लाइन में कन्वर्ट करने के लिए भारत सरकार ने 550 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी। इस पर 2012 से काम शुरू हुआ। 2014 तक दोनों देशों के बीच नेपाली नैरो गेज पर 3 ट्रेनें चलती थीं, लेकिन ट्रेनों का सफर काफी लंबा होने के कारण कोयले की खपत भी बहुत ज्यादा होती थी। जिसके चलते ट्रेन का परिचालन बंद कर दिया गया।
2021 के जुलाई में इसी रेलखंड पर लोकोमोटिव इंजन का सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल किया गया था। 8 साल बाद फिर से सेवा शुरू होने से दोनों देशों के लोगों के बीच काफी उत्साह है। फिलहाल यह रेल सेवा दोदनों देशों के बीच परिवहन कोप सुगम बनाएगी।