उत्तर प्रदेश में प्रधानमत्री के सौर ऊर्जा सपनो की धज्जियाँ उड़ी
UPNEDA में व्याप्त भ्रस्टाचार और सोलर की घटिया पालिसी है जिम्मेदार - अनिल दुबे ( प्रमुख, सोलर परिवार)
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ):उत्तर प्रदेश में सोलर परिवार के प्रमुख “अनिल दुबे” ने बताया कि प्रधानमंत्री के सौर ऊर्जा के सपनो को किस तरह से तोडा जा रहा है उसके जिम्मेदार UPNEDA में बैठे भ्रस्टाचारी अधिकारी हैं | जिस तरह से उत्तर प्रदेश के टेंडर और पुराने सब्सिडी के साथ खिलवाड़ हुआ है वो अब सबके सामने है | उन्होंने बताया,हमने अपनी तरफ से पत्राचार के अंतर्गत MNRE से भी बात किया लेकिन कोई हल नहीं निकला | अब उत्तर प्रदेश के सोलर रूफ टॉप के टेंडर की अवधी ख़तम होने के बाद भी नए टेंडर पता नहीं चल रहा है | मैं विगत दो वर्षों से भी अधिक से सोलर रूफटॉप स्कीम में उत्तर प्रदेश में इसके नोडल एजेंसी द्वारा की जा रही अथवा की गई अनियमितताओं व घोटालों का व मनमाने तरह से अनुदान बंटवारे के विषय मे सीधे पत्राचार व CPGRAMS पोर्टल के माध्यम से उनके संज्ञान में डालता रहा |
अफसोस का विषय है कि एमएनआरई बजाय संज्ञान लेकर समस्या का समाधान करने अथवा अनियमितता पर संबंधित अधिकारियों/एजेंसी पर कार्यवाही करने के शिकायत बंद करने में ज्यादा तत्परता दिखाती है और अभीतक एमएनआरई द्वारा रूफटॉप में उ.प्र. को दी गई कुल पांच संस्तुतियों में अभी तक एक भी संस्तुति बंद/निबटान नहीं हुई हैं। 2013-14 का एक(1) 2015-16 के बारह(12) 2017-18 के चौसठ (64) व 2018-19 के तीन सौ पचासी (385) हितग्राहियों का अनुदान अभी तक भुगतान हेतु लम्बित है।अनुदान की शर्तों में पारदर्शिता मुख्य शर्त है पर हर बार पारदर्शिता का अभाव पाया गया है चाहे अनुदान वितरण हो या टेंडर प्रणाली या L-1 का चयन ही क्यों न हो।2017-18 में रु 96 लाख का बंटवारा उन 17 फर्म को बिना स्पिन पोर्टल पर चढ़ाये किया गया जिनकी फ़ाइल तक उपलब्ध नहीं थी और 2018-19 में रु 2.33 करोड़ ऐसी फर्मों को बांट दिया जिनका एमपनेलमेंट नहीं था और यह समय समय पर एमएनआरई के संज्ञान में लाया जाता रहा है।
इस तरह के व्याप्त भ्रस्टाचार और अनियमितताओं के कारण उत्तर प्रदेश में सोलर का प्रधानमंत्री का सपना अब अधूरा लगने लगा है |