कोरोना की वर्तमान स्थिति को लेकर जानिए क्या है विशेषज्ञों की रायें।
कोरोना की वर्तमान स्थिति को लेकर विशेषज्ञों ने बेहद महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): कोरोना की वर्तमान स्थिति को लेकर विशेषज्ञों ने बेहद महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं। उन्होंने बताया है कि अगले वर्ष फरवरी 2021 तक वायरस काफी हद तक स्थिर हो जाएगा और महज 20,000 सक्रिय मरीज ही बचेंगे। इस समूह में ने हाल ही में सुपर मॉडल के आधार पर कोरोना संक्रमण के भविष्य को लेकर अध्ययन भी किया था।इस समूह में सीएमसी वेल्लौर किटी के विशेषज्ञ डॉक्टर गगनदीप कांग, आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर, भारतीय विज्ञान संस्थान बेंगलुरु के प्रोफेसर बिमान बागची, भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता के शंकर पाल और अरूप बोस के अलावा कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल शामिल हैं।
इसी समूह ने अपने अध्ययन में बताया है कि देश में संक्रमण के मिसिंग केस ज्यादा हैं। इसके पीछे पूरी तरह से निगरानी न होना, एंटीजन किट्स के जरिए जांच के फॉलोअप में कमी इत्यादि है। देश में 85 से 90 प्रतिशत तक मिसिंग केस होने का अनुमान है। जिन राज्य में रिकवरी दर सबसे ज्यादा है वहां मिसिंग मामले भी अधिक हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में जहां संक्रमण के मिसिंग मामले अत्यधिक है। वहीं विदेशों में इनकी संख्या कम है। यूरोप अमेरिका और इटली जैसे देशों में एक-एक कोरोना मरीज पर 10 से 12 प्रतिशत मिसिंग मरीज हैं। ठीक इसी तरह से फ्रांस, ब्राजील और जर्मनी में 20 से 25 मामले प्रति संक्रमित मरीज पर मिसिंग मिल रहे हैं।आईसीएमआर के पूर्व महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर का कहना है कि गणितीय मॉडल के आधार पर संक्रमण की स्थिति को लेकर यकीन नहीं किया जा सकता है। जब चीन, अमेरिका और इटली जैसे देशों में कोरोना फैला तो वहां के गणितीय आकलन के हिसाब से भारत में स्थिति का अनुमान लगाया गया था लेकिन कोरोना के आने के बाद देश में एक अलग स्थिति देखी जा रही है जो अन्य देशों से एकदम अलग है।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में फिर से संक्रमण की लहर आना मुश्किल है। इसके पीछे एक बड़ी वजह टीकाकरण को लेकर काफी हद तक तैयारियां का पूरा होना है।