भारत में कोरोना वायरस के ‘जीनोम स्ट्रक्चर’ में हुए म्यूटेशन से कमजोर हुआ विषाणु।
भारत में कोरोना वायरस में एक छोटा लेकिन, महत्वपूर्ण म्यूटेशन रिपोर्ट किया गया है। इसके कारण कोरोना वायरस कुछ कमजोर हो गया है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): ओम तिवारी : लॉकडाउन और कोरोना की बढ़ती आपदा के बीच एक राहत की खबर है। चीन, इटली, स्पेन, ईरान के बाद अमेरिका में कोरोना वायरस का कहर देखा जा रहा है। हमारे देश में सरकार ने कमर कस ली है और ‘धरती के भगवान’ भी जी जान से अपना कर्तव्य निभाने में लगे हैं। इस माहौल में एक बढ़िया खबर आई है। भारत में कोरोना वायरस में एक छोटा लेकिन, महत्वपूर्ण म्यूटेशन रिपोर्ट किया गया है। इसके कारण कोरोना वायरस कुछ कमजोर हो गया है। वर्ष 2016 में पद्मभूषण से सम्मानित और एशियाई गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट सोसायटी के अध्यक्ष रहे डॉ. डी. नागेश्वर राव ने किया दावा। डॉ. राव ने बताया कि भारत में कोरोना के जीनोम स्ट्रक्चर में म्यूटेशन हुआ है। यह म्यूटेशन इस वायरस के एस-प्रोटीन की चिपकने की क्षमता को कम करता है। इसका अर्थ है कि अब कोरोना के स्पाइक उस कदर शक्तिशाली नहीं रह गए हैं, जैसे चीन में थे। इटली में हुए नकारात्मक म्यूटेशन इटली बनाम भारत : इस समय कोरोना वायरस का सबसे घातक असर इटली में दिख रहा है। जहां मृतकों की संख्या 11 हजार का आंकड़ा छूने को बेताब है। इटली में कोरोना वायरस के जैनेटिक मटैरियल में तीन म्यूटेशन हुए। तीनों म्यूटेशन खतरनाक थे और उन्होंने कोरोना वायरस को ज्यादा घातक बना दिया।
क्या होता है म्यूटेशन : स्थान, वातावरण या अन्य किसी कारण से यदि किसी सेल (वायरस, बैक्टीरिया से लेकर इंसान तक) के डीएनए और आरएनए में कोई भी बदलाव होता है, तो वह म्यूटेशन होता है। म्यूटेशन ने जीवों के विकास क्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोरोना वायरस में 29,903 न्यूक्लियस बेस हैं, जिनका क्रमानुसार चीन के मुकाबले भारत और इटली में बदल गया।
दूसरों का मोबाइल न करें इस्तेमाल : वैसे तो तमाम शोध साबित कर चुके हैं कि आपके स्मार्ट मोबाइल फोन की स्क्रीन टॉयलेट सीट से भी गंदी होती है। यह अंतर 10 गुना तक होता है यानी कि टॉयलेट सीट के मुकाबले 10 गुना बैक्टीरिया आपके मोबाइल पर हो सकते हैं। डॉ. राव बताते हैं कि मोबाइल पर कोरोना वायरस 72 घंटे तक जिंदा रह सकता है। ऐसे में किसी अन्य का मोबाइल फोन इस्तेमाल न करें। यदि किसी का फोन इस्तेमाल करते हैं तो उसे स्पीकर मोड में करें और उसे अपने कान, गाल से टच न करें। फोन कॉल के बाद अपने हाथों को साबून या हैंड सैनेटाइजर से साफ कर लें।