रिटा. ले. जनरल हुड्डा : सर्जिकल स्ट्राइक जरूरी थी लेकिन इसे बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया
भारत ने 28-29 सितंबर 2016 की दरमियानी रात सीमा पारकर पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड तबाह किए थे
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने कहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक को ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं थी। भारत ने 28-29 सितंबर 2016 की दरमियानी रात सीमा पारकर पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड तबाह किए थे।हुड्डा ने कहा- मुझे लगता है कि सर्जिकल स्ट्राइक को कुछ ज्यादा ही तवज्जो दी गई। मिलिट्री ऑपरेशन जरूरी था और इसलिए हमने उसे अंजाम दिया। अब इसका कितना राजनीतिकरण हुआ, यह सही है या गलत, इसे राजनेताओं से पूछा जाना चाहिए।हुड्डा के मुताबिक- “जिस तरह से चीजें नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हो रही हैं, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि हमें अप्रत्याशित तरीके से जवाब देना चाहिए जब तक कि पाकिस्तान तनाव को कम करने और घुसपैठ को रोकने के लिए कुछ नहीं करता।ले. जनरल (रिटायर्ड) हुड्डा के बयान पर आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा, “उन्होंने जो भी कहा, यह उनका अपना विचार हो सकता है। मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। ऐसे (सर्जिकल स्ट्राइक) कई ऑपरेशंस में उनकी अहम भूमिका रही है। मैं उनके कहे शब्दों का सम्मान करता हूं।” पूर्व आर्मी चीफ दलबीर सिंह सुहाग ने इसी साल सितंबर में बताया था कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भारतीय सेना 2015 से तैयारी कर रही थी। सेना से कहा गया था कि इसमें नाकाम होने का विकल्प ही नहीं है।सुहाग ने यह दावा भी किया था कि जरूरत पड़ी तो दूसरी बार भी सर्जिकल स्ट्राइक की जा सकती है। हम अपनी क्षमताएं जानते हैं। सेना पूरे उत्साह में है और उन्हें भरोसा है कि वे दोबारा ऐसा कर सकते हैं। अगर हम एक बार स्ट्राइक को अंजाम दे सकते हैं तो बार-बार ऐसा किया जा सकता है।