(एनएलएन मीडिया-न्यूज़ लाइव नाऊ) : हिंदी सिनेमा के महान अभिनेता-निर्देशक भगवान दादा को दुनिया से अलविदा कहे 16 साल बीत चुके हैं. भगवान दादा का जन्म 1 अगस्त 1913 को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में हुआ. उनका असली नाम भगवान आभाजी पालव था. उनके पिता कपड़ा मिल में काम करते थे. वे भी श्रमिक के तौर पर काम करने लगे लेकिन फिल्म का ख्वाब वे अपनी आंखों में संजोए हुए थे. लेकिन उन्हें कुश्ती का बहुत शौक था जिस वजह से उनके नाम के साथ दादा जुड़ गया और वे भगवान दादा हो गए. उन्होंने सायलेंट एरा में फिल्मों में कदम रखा और ‘क्रिमिनल’ उनकी पहली फिल्म थी. दिलचस्प यह है कि उनके सिग्नेचर डांस स्टेप को अमिताभ बच्चन तक ने कॉपी किया है. भगवान दादा अपनी ‘अलबेला’ जैसी फिल्म के लिए पहचाने जाते हैं.
भगवान दादा से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया और भी है. वे 1942 में ललिता पावर के साथ एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. एक सीन में उन्हें ललिता पवार के थप्पड़ मारना था. लेकिन गलती से भगवान दादा ने इतनी जोर से थप्पड़ मार दिया कि ललिता पवार फेशियल पैरालिसिस का शिकार हो गईं और उलटे हाथ की नस भी फट गई. तीन साल तक इसका इलाज चला, लेकिन उनकी आंख कभी नॉर्मल नहीं हो सकी.
भगवान दादा ने एक्टिंग के अलावा डायरेक्शन में भी हाथ आजमाया और उन्होंने 1956 में ‘भागम भाग’ फिल्म बनाई थी. भगवान दादा का निधन 4 फरवरी, 2002 को हुआ था.