होम | देश भारतीय सेना का मुख्य टैंक हुआ फेल , चीन अब रूस-कजाखिस्तान और बेलारूस से भिड़ेगा फाइनल में

नई दिल्ली: मुख्य लड़ाकू टैंक टी-90 में तकनीकी खामी आने के बाद भारतीय सेना की एक टीम रूस में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ‘टैंक बायथलान’ से बाहर हो गई. भारत और चीन सहित 19 देशों ने इस आयोजन में भाग लिया था. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारतीय टीम इसके दो टी 90 टैंकों में गड़बड़ी आने के बाद अगले चरण में नहीं पहुंच पाई. यह प्रतियोगिता अलाबिनो रेंजेस में 29 जुलाई को शुरू हुई थी.  इन टैंकों को रूस से 2001 में खरीदा गया था.  इनको भीष्म के नाम से जाना जाता है. अब इन टैंकों को भारत में बनाया जाता है.

क्यों फेल हो गए टैंक
इस रेस के शुरुआती चरणों में भारत के ‘भीष्म’ का प्रदर्शन किया था. लेकिन फाइनल से पहले वाले मुकाबले में इन टैंकों के इंजन में समस्या आ गई. मिली जानकारी के मुताबिक पहले टैंक की बेल्ट टूट गई. इसके बाद एक रिजर्व टैंक को रेस भेजा गया लेकिन कुछ किलोमीटर में ही उसका इंजन ऑयल बह गया और वह रेस से बाहर हो गया.  चीन ने इस रेस में टाइप-96बी टैंकों को भेजा था. वहीं रूस और कजाखस्तान टी-72 और बी3 टैंकों के साथ इस प्रतियोगिता में उतारे थे जबकि बेलारूस ने टी-72 टैंकों के सबसे आधुनिक मॉडल को उतारा था. अब फाइनल में इन्हीं चारों के बीच मुकाबला होगा.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई इस प्रतियोगिता में भारतीय सेना के सबसे भरोसेमंद टैंकों का इस तरह से फेल हो जाना बड़ा झटका है क्योंकि युद्ध के हालात में सेना इन्हीं टैंकों के ऊपर निर्भर है.  सेना के पास इस समय 800 टी-90एस टैंक हैं. वहीं डीआरडीओ का मानना है कि अर्जुन मार्क-II टैंकों का ऑर्डर देना चाहिए.  डीआरडीओ का दावा है कि इन टैंकों का प्रदर्शन टी-90 एस टैंकों से कहीं ज्यादा अच्छा है.

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.