हाडांकुडी में एक गौवंश समेत तीन और पशुओं की संदिग्ध मौत
चार की मौत के बाद दो और पशु तडफ़ते हुए मौत की दहलीज पर, किसानों का लुट रहा है पशुधन
हाडांकुडी में एक गौवंश समेत तीन और पशुओं की संदिग्ध मौत
– बागवाणियां पंचायत के हांडाकुंडी गांव में नहीं थम रहा पशुओं की मौत का सिलसिला
– चार की मौत के बाद दो और पशु तडफ़ते हुए मौत की दहलीज पर, किसानों का लुट रहा है पशुधन
न्यूज लाईव नाऊ: बीबीएन (ओम शर्मा): प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के तहत बागवाणियां पंचायत के गांव हांडाकुंडी में पशुओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दो दिनों में तीन किसानों के चार पशुओं की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। किसान अपने पशुओं की मौत के लिए हांडाकुंडी स्थित बैटरी उद्योग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। किसानों का कहना है कि बैटरी उद्योग द्वारा लैड और नाईट्रेट अवैध तरीके से छोड़े जाने के चलते पिछले लंबे से गांव में पशुओं की मौत का सिलसिला जारी है। हालांकि यह मामला हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है और हाईकोर्ट की टीम ने उद्योग के सैंपल भी भरे थे। लेकिन अभी तक प्रशासन और सरकार की तरफ से इस बाबत कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही। बीते दो दिनों में तीन किसानों सुरेश कुमार पुत्र दुर्गा चंद, राम गोपाल पुत्र हेत राम और पोला राम के चार पशु काल का ग्रास बन चुके हैं। सुरेश कुमार ने बताया कि उनके पशु दो दिन से बुरी तरह से तडफ़ रहे थे जिन्होंने बुधवार को दम तोड़ दिया। सुरेश कुमार, राम गोपाल और पोला राम का कहना है कि बैटरी उद्योग के प्रदूषण के कारण अब तक गांव में दर्जनों पशुओं की मौत हो चुकी है। उन्होंने बताया कि दो पशु पिछले दो दिन से तडफ़ रहे हैं और मौत की दहलीज पर खड़े हैं।
ग्रामीणों ने मामले की शिकायत नालागढ़ पुलिस थाने में भी दी है जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके पशुओं का पोस्टमार्टम करवाया है। थाना प्रभारी नालागढ़ राज कुमार ने बताया कि पशुओं का पोस्टमार्टम करवाकर सैंपल जुनगा लैब व ग्रामीणों के कहने पर एक निजी लैब में भेजे हैं। उधर पशु चिकित्सक डा. बालिया ने बताया कि पशुओं का पोस्टमार्टम करवाकर सैंपल पुलिस व ग्रामीणों को सौंप दिए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद की पशुओं की मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा। ग्रामीणों में इस बात को लेकर रोष है कि न तो प्रशासन और न ही सरकार इस बैटरी उद्योग के खिलाफ कोई कार्रवाई कर रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया तो ग्रामीण उद्योग का घेराव करने को विवश हो जाएंगे।