स्टैंड उप कमीडीयन कुणाल कामरा फिर विवादों के घेरे में, अटॉर्नी जनरल ने अवमानना का मामला दर्ज करने पर जताई सहमति
मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर से विवादों में आ गए हैं
मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर से विवादों में आ गए हैं। उनके खिलाफ अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज करवाने के लिए अपनी सहमति दे दी है। अटॉर्नी जनरल ने यह फैसला तब लिया जब कुणाल कामरा ने निजी न्यूज चैनल रिपब्लिक इंडिया के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद सु्प्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ टिप्पणी की।
दरअसल बुधवार को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से जमानत देने के आदेश दिए। इसके बाद कुणाल कामरा ने ट्विटर पर सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की। उन्होंने देश की सर्वोच्च अदालत को मजाक बताया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘जिस गति से सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों को संभालता है। यह समय है महात्मा गांधी की तस्वीर को हरीश साल्वे की तस्वीर में बदल देना चाहिए।’ इतना ही नहीं कुणाल कामरा ने अपने एक और ट्वीट में लिखा, ‘डीवाई चंद्रचूड़ एक फ्लाइट अटेंडेंट हैं, जो प्रथम श्रेणी के यात्रियों को शैंपेन ऑफर कर रहे हैं क्योंकि वह फास्ट ट्रैक हैं। जबकि सामान्य लोगों को यह भी नहीं पता कि वह कभी भी चढ़ या फिर बैठ भी नहीं पाएंगे। सर्व होने की तो बात ही नहीं हैं।’ कुणाल कामरा के इन ट्वीट्स के बाद अर्नब गोस्वामी के वकील रिजवान सिद्दीकी ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करवाने के लिए पत्र लिखा।अब अटॉर्नी जनरल ने रिजवान सिद्दीकी के पत्र को स्वीकार कर लिया है और देश की सबसे बड़ी अदालत के जज का अपमान करने पर कुणाल कामरा के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करवाने के लिए सहमति जताई है। आपको बता दें कि बीते दिनों अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर एक इंटीरियर डिजाइनर को कथित तौर पर खुदकुशी के लिए उकसाने के 2018 के मामले में अपनी गिरफ्तारी पर मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को भी आड़े हाथों लिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अहम बताते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। इससे पहले कोर्ट ने कहा, अगर हम इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे तो विनाश के रास्ते पर चलेंगे। कोर्ट ने कहा, अगर राज्य सरकारें किसी को निशाना बनाएं तो उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि हम उसकी हिफाजत करेंगे। कोर्ट के आदेश पर रात 8:30 बजे अर्नब को तलोजा जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद वह खुली कार में प्रशंसकों का अभिवादन करते हुए घर पहुंचे।
- Design