सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना के संकट काल में डॉक्टरों को सैलरी नहीं मिलने पर गहरी चिंता व्यक्त की।
कोर्ट ने कहा, ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि कई क्षेत्रों के डॉक्टरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। हमने रिपोर्ट देखी है कि डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : देश इस समय कोरोना से जूझ रहा है और इस लड़ाई को लड़ने में डॉक्टरों सहित स्वास्थ्यकर्मियों की विशेष भूमिका है। कोरोना महामारी से लड़ रहे डॉक्टरों को वेतन और उचित आवास नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गहरी चिंता जताते हुए कहा, युद्ध के वक्त सैनिक असंतुष्ट नहीं होने चाहिए। असंतुष्ट सैनिकों के दम पर युद्ध नहीं लड़ा जा सकता। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केंद्र सरकार को कोरोना योद्धाओं की रक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने के लिए कहा है। इस मामले में अब 17 जून को सुनवाई होगी। डॉक्टर आरुषि जैन की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि मौजूदा हालात को समझने की जरूरत है। पीठ ने मेहता से कहा, कोरोना के खिलाफ फिलहाल युद्ध जैसे हालात है। आप सैनिकों को युद्ध के वक्त दुखी नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा, ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि कई क्षेत्रों के डॉक्टरों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। हमने रिपोर्ट देखी है कि डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। दिल्ली के डॉक्टरों को तीन महीने से भुगतान नहीं किया गया है। इन चिंताओं पर सरकार को ध्यान देना चाहिए था। इसके लिए कोर्ट के दखल देने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि डॉक्टरों की परेशानियों का समाधान किया जाना चाहिए।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के लिए रहने की अलग व्यवस्था करने का निर्देश देने की अपील की गई है। इसके अलावा याचिका में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के लिए अन्य सुविधाएं भी प्रदान करने की गुहार की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील केवी विश्वनाथन ने पीठ से कहा कि कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे डॉक्टरों के वेतन में कटौती की जा रही है। निजी अस्पतालों में भी डॉक्टरों को पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा है। साथ ही डॉक्टर जब काम से घर लौटते हैं तो उनके परिवारवालों को बहुत खतरा होता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय की तरफ से क्वारंटीन करने संबंधी दिशा-निर्देश काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में अतिरिक्त आदेश पारित करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। विश्वनाथन ने सुनवाई में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हो रही हिंसा का भी जिक्र किया। जिसके बाद पीठ ने सॉलिसिटर जनरल को इन तमाम बातों पर गौर करने के लिए कहा। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों के लिए फाइव स्टार होटलों में रहने की व्यवस्था की गई है। पीठ ने विश्वनाथन को से कहा है कि वह अपना सुझाव सॉलिसिटर जनरल को दें। कोरोना से निपटना और देश की अर्थव्यस्था को सुचारू ढंग से चलना एक बड़ी चुनौती है जिसे देश को किसी भी तरह से स्वीकारना होगा और जीतना भी होगा।