(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद जारी है। वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को आठवें स्तर की सैन्य वार्ता चुशुल में शुरू हो गई है। इसी बीच देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने चीन को कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किसी भी तरह का बदलाव मंजूर नहीं किया जाएगा। इसके अलावा उनका कहना है कि आने वाले सालों में हमारा रक्षा उद्योग तेजी से बढ़ेगा।
सीडीएस रावत ने शुक्रवार को कहा, आने वाले वर्षों में, हम देखेंगे कि हमारा रक्षा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और समग्र रक्षा तैयारियों में योगदान दे रहा है। इसके अलावा हमें अत्याधुनिक हथियार और उपकरण पूरी तरह से भारत में उपलब्ध करवा रहा है।
नेशनल डिफेंस कॉलेज द्वारा आयोजित डायमंड जुबली वेबिनार, 2020 में सीडीएस जनरल रावत ने कहा, ‘जहां तक रक्षा सहयोग का सवाल है, हम रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देशों के साथ आपसी विश्वास और साझेदारी बनाने में रक्षा कूटनीति का महत्व समझते हैं।’
जैसे-जैसे भारत का कद बढ़ेगा, सुरक्षा चुनौतियां भी उसी अनुपात में बढ़ेंगी। हमें अपनी सैन्य आवश्यकताओं के लिए प्रतिबंधों या व्यक्तिगत राष्ट्रों पर निर्भरता के लगातार खतरे से बाहर निकलना चाहिए। रणनीतिक स्वतंत्रता के लिए दीर्घकालिक स्वदेशी क्षमता के निर्माण में निवेश करना होगा और वर्तमान और उभरती चुनौतियों को पूरा करने के लिए निर्णायक सैन्य शक्ति का अनुप्रयोग करना होगा।
एलएसी पर बदलाव मंजूर नहीं: सीडीएस रावत
सीडीएस रावत ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा, ‘पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीन की पीएलए लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है। हमारा रुख स्पष्ट है, हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे।’