सावधान! वाहन में मरम्मत या बदलाव करना पड़ सकता है भारी, SC ने दिया ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी मोटर वाहन में इस तरह के बदलाव नहीं किए जा सकते हैं कि निर्माता कंपनी का बनाया मूल स्वरूप ही बदल जाए जिसका पंजीकरण में ब्योरा दर्ज है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : नई दिल्ली। अगर आप अपने दुपहिया वाहन या कार में बेखटके मरम्मत कराते हैं और उसके पा‌र्ट्स बदलवा लेते हैं, तो सावधान। अगर आप अपनी सामान्य कार को लग्जरी लुक देना चाहते हैं और उसे स्पो‌र्ट्स कार में तब्दील कराना चाहते हैं, तो सावधान। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी मोटर वाहन में इस तरह के बदलाव नहीं किए जा सकते हैं कि निर्माता कंपनी का बनाया मूल स्वरूप ही बदल जाए जिसका पंजीकरण में ब्योरा दर्ज है।

सर्वोच्च अदालत ने मोटर व्हीकल अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख किया और पाया कि एक वाहन में इतने बदलाव नहीं किए जा सकते कि पंजीकरण के सर्टीफिकेट में उल्लेखित विवरण ही बदल जाएं। जस्टिस अरुण मिश्रा और विनीत सरन ने अपने फैसले में कहा कि किसी भी वाहन इतने संशोधन नहीं हो सकते कि निर्माता के बनाए वाहन की मूल खूबियां ही बदल जाएं। वाहन के रजिस्ट्रेशन में बताई जाने वाली खूबियों में कतई बदलाव नहीं किया जा सकता है।

अदालत के फैसले से अधिनियम के प्रावधान के तहत वाहन के बेसिक फीचर्स में अब कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। सर्वोच्च अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए केरल हाई कोर्ट की खंडपीठ के फैसले को पलट दिया है। केरल हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केरल मोटर व्हीकल रूल्स, 1989 के प्रावधानों के तहत वाहनों में ढांचागत बदलाव किए जा सकते हैं।

मोटर व्हीकल एक्ट में किए गए संशोधनों का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह संशोधन इस मकसद से किया गया था कि वाहनों में किसी भी प्रकार के अमूल-चूल बदलाव को रोका जा सके। जैसे गाड़ी में अधिक क्षमता के टायर लगाना। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सड़क सुरक्षा के साथ ही पर्यावरण का भी संरक्षण किया जा सके। कोर्ट ने कहा कि संशोधन प्रावधानों को इस हद तक स्पष्ट किया गया है कि वाहन में किस तरह के बदलाव किए जा सकते हैं।

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