साधुओं को गोकशी का विरोध करना भारी पड़ गया

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पुलिस चौकी से महज़ कुछ सौ मीटर की दूरी पर ही वो प्राचीन मंदिर है जहां के दो साधुओं की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी जबकि हमले में घायल एक अभी भी ज़िंदगी और मौत से संघर्ष कर रहा है.

गांव वालों का साफ़ कहना है कि इन साधुओं को गोकशी का विरोध करना भारी पड़ गया. वहां मौजूद कई लोग एक आवाज़ में कहने लगते हैं, “किसी ने देखा तो नहीं है लेकिन मंदिर की तरफ़ कुछ लोग अक़्सर गाय ले जाकर काटते थे. तीनों साधुओं ने कई बार पुलिस से भी शिकायत की थी. उनकी और किसी से दुश्मनी तो थी नहीं, फिर इतनी बेदर्दी से उन्हें कोई क्यों मारेगा?”

कुदरकोट गांव में भयानक नाथ मंदिर गांव के बिल्कुल किनारे पर है. मंदिर काफ़ी प्राचीन है और कुदरकोट के अलावा दूसरे गांव के लोग भी इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं.फ़िलहाल मंदिर में पुलिस ने ताला लगवा दिया है और घटना के बाद से मंदिर परिसर में क़रीब आधा दर्जन पुलिस वाले चौबीस घंटे ड्यूटी दे रहे हैं. मंदिर परिसर में पुजारियों के ज़रूरी सामान इस तरह बिखरे पड़े हैं कि घटना की बर्बरता की कहानी दो दिन बाद भी बयां हो रही है.

मंदिर कुछ ढलान पर है जबकि उसके सामने ऊंचाई पर ग्राम समाज की ऊबड़-खाबड़ काफ़ी ज़्यादा खाली जगह है. गांव की आबादी यहां से क़रीब एक किलोमीटर दूर है. गांव के लोगों के मुताबिक़ ‘गोकशी करने वालों के लिए ये जगह काफ़ी मुफ़ीद है क्योंकि आमतौर पर यहां कोई आता-जाता नहीं है.’

वहीं गांव के प्रधान रवींद्र पाल कहते हैं कि साधुओं के अलावा गांव के लोग भी इस बात का अक़्सर विरोध करते थे लेकिन कोई सुनता नहीं था, “कितनी बार पुलिस से शिकायत की गई, गायों को पकड़वाया भी हम लोगों ने, लेकिन उस समय पुलिस जिन्हें पकड़ती भी थी, बाद में छोड़ देती थी. इसी से इन लोगों का हौसला और बढ़ता गया.”

पुलिस चौकी से दाहिनी ओर का रास्ता गांव की मुख्य आबादी की ओर जाता है. क़रीब पांच हज़ार की आबादी वाले इस गांव में मुस्लिमों की आबादी क़रीब डेढ़ हज़ार है. चूंकि पुलिस भी पुजारियों की हत्या में गोकशी करने वालों पर ही ज़्यादा संदेह कर रही है, इसलिए गांव के अन्य लोगों के अलावा उनसे भी पूछताछ की जा रही है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.