सरकार के साथ मिलकर अवैध पैसे कमाने वाले अफसरों को जेल में होना चाहिए – CJI रमना ।
CJI ने कहा कि मुझे इस बात पर बहुत आपत्ति है कि नौकरशाही विशेष रूप से इस देश में पुलिस अधिकारी कैसे व्यवहार कर रहे हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अफसरों के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सख्त टिप्पणी की है। जस्टिस रमना ने कहा कि देश में ब्यूरोक्रेट्स और पुलिस अफसर जिस तरह का बर्ताव कर रहे हैं वह बेहद आपत्तिजनक है। सरकार के साथ मिलकर अवैध तरीके से पैसा कमाने वाले अफसरों को जेल के अंदर होना चाहिए।
जस्टिस रमना ने कहा ‘देश में स्थिति दुखद है। जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में होता है, तो पुलिस अधिकारी उस सरकार के साथ होते हैं। फिर जब कोई नई पार्टी सत्ता में आती है, तो सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है। यह एक नया चलन है, जिसे रोकने की जरूरत है।’
CJI ने कहा कि मुझे इस बात पर बहुत आपत्ति है कि नौकरशाही विशेष रूप से इस देश में पुलिस अधिकारी कैसे व्यवहार कर रहे हैं। जो पुलिस अधिकारी आज की सरकार के साथ तालमेल बिठाते हैं और अवैध रूप से पैसे कमाते हैं, उन्हें जेल में होना चाहिए। ऐसे पुलिस अधिकारियों का बचाव नहीं किया जा सकता। एक बार मैं सोच रहा था कि पुलिस अफसरों के अत्याचारों की शिकायतों की जांच के लिए स्थायी समितियां बना दूं। अब मैं इसे सुरक्षित करना चाहता हूं। मैं इस समय यह नहीं करना चाहता हूं।
CJI रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हेमा कोहली की बेंच छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) गुरजिंदर पाल सिंह द्वारा दायर तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए की। जीपी सिंह ने छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अपने खिलाफ राजद्रोह, भ्रष्टाचार और जबरन वसूली की तीन FIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की हैं।
रमना की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसला सुरक्षित रखते हुए निलंबित IPS अफसर को दो मामलों (राजद्रोह और जबरन वसूली) में गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के संकेत दिए हैं। शीर्ष अदालत ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से कहा है कि वह उनकी याचिकाओं पर 8 सप्ताह के भीतर फैसला ले।
आय से ज्यादा संपत्ति के तीसरे मामले पर बेंच ने कहा कि जीपी सिंह इसके लिए सही कानूनी रास्ता अपनाने के लिए स्वतंत्र हैं, क्योंकि उन्होंने इस मामले को केवल CBI को ट्रांसफर करने और राज्य पुलिस की जांच पर स्टे की मांग की है।फिलहाल भ्रष्टाचार पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती का के क्या परिणाम होंगे यह आने वाल समय ही बताएगा।