सबरीमाला मंदिर में प्रतिबंधित उम्र की 2 महिलाओं के प्रवेश करने के बाद राज्यभर में विरोध

सड़कों पर सन्नाटा है और बसें ठप हैं। विरोध-प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक मीडिया चैनल के कैमरापर्सन को निशाना बनाया

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : सबरीमाला मंदिर में दो ‘प्रतिबंधित’ उम्र वाली महिलाओं की एंट्री ने केरल में भूचाल ला दिया है। इस एंट्री के खिलाफ कई संगठनों की राज्यव्यापी हड़ताल का जबरदस्त असर दिख रहा है। सड़कों पर सन्नाटा है और बसें ठप हैं। विरोध-प्रदर्शन के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने एक मीडिया चैनल के कैमरापर्सन को निशाना बनाया। इस हमले में वह मामूली रूप से जख्मी हो गए। इधर, मंदिर में दो महिलाओं की एंट्री को लेकर बुधवार को विरोध-प्रदर्शन के दौरान एक शख्स जख्मी हो गया था, आज उसने दम तोड़ दिया। विभिन्न हिंदूवादी संगठनों के समूह ‘सबरीमाला कर्म समिति’ ने हड़ताल बुलाई है। बीजेपी भी हड़ताल का समर्थन कर रही है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूडीएफ काला दिवस मना रहा है।बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र वर्ग के महिलाओं की एंट्री की इजाजत दे दी थी। हालांकि, इस फैसले के बाद अभी तक कोई ‘प्रतिबंधित’ उम्र की महिलाएं मंदिर में अयप्पा के दर्शन नहीं कर पाई थीं। बुधवार को कनकदुर्गा और बिंदू ने दावा किया कि वे अयप्पा के दर्शन करने में सफल रहीं। इस खबर के बाद राज्य में जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया।
उधर, बुधवार को सीपीआई (एम) और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प में घायल हुए 55 साल के सबरीमाला कर्म समिति (एसकेएस) कार्यकर्ता की पंडलम में मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हिंसा के आरोप में पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है।
हड़ताल के चलते कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम ने केरल के लिए बस सर्विस रोक दी है। बस सेवा प्रभावित होने की वजह से तिरुवनंतपुरम सेंट्रल में फंसे यात्रियों को ऐंबुलेंस से भेजा जा रहा है। केरल बीजेपी के अध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा, ‘हम अपना प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीके से करेंगे और कानून का पालन करेंगे।’
सबरीमाला विवाद पर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा, ‘यह सरकार की जिम्मेदारी है कि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की जाए। सरकार ने यह संवैधानिक जिम्मेदारी पूरी की है। संघ परिवार सबरीमाला को युद्ध स्थल बनाने में तुला है।’
वहीं शाही पंडलम परिवार के सदस्य पीजीएस वर्मा ने महिलाओं की एंट्री पर कहा, ‘केरल सरकार हर दिन किसी न किसी को वहां भेजकर रिवाजों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। यह त्योहार का समय है जब हर दिन मंदिर में 1 से 2 लाख लोग श्रद्धालु आते थे लेकिन सरकार की कार्रवाई के कारण यह संख्या घटकर 10 से 15 हजार रह गई है।’

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