संगरूर से सटे कस्बा सुलरघराट स्थित एक पटाखा गोदाम में मंगलवार देर रात आग लग गई। आग लगने के साथ ही गोदाम के अंदर भयंकर धमाका हुआ। इससे गोदाम की दो मंजिला इमारत गिर गई और सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मलबे में करीब 35 से 40 लोगों के दब गए। ये सभी त्योहारी सीजन में गोदाम के भीतर पैकिंग का काम कर रहे थे। हालांकि प्रशासन ने गोदाम में हुए धमाके में चार लोगों के मरने की पुष्टि की है।
धमाका इतना जोरदार था कि जहां आसपास के कई घरों के शीशे टूट गए वहीं पर कई घरों में दरारें भी आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धमाका इतना जोरदार था कि गोदाम का मलवा करीब सौ से डेढ़ सौ फीट सड़क पर भी नजर आया। धमाके के कारण पास के मकानों में दो लोग घायल हो गए जिन्हें संगरूर और सुनाम के सिविल अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है।
राहत कार्य बुधवार को भी चल रहा है। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए प्रशासन ग्रामीणों व जेसीबी मशीनों की मदद से जुटा हुआ है। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों ने मौके पर आकर आग पर काबू पा लिया है। प्रशासन ने इसी बीच बचाव कार्यों के लिए बठिंडा से एनडीआरएफ को भी बुलाया। डीएसपी योगेश कुमार ने बताया कि बचाव कार्य चल रहा है। अभी वह ज्यादा कुछ नहीं कह सकते।डीसी एपीएस विर्क व एसएसपी मनदीप सिंह मौके पर पहुंचे।
रिहाइशी इलाके में था गोदाम
जिस पटाखा गोदाम में मंगलवार को धमाका हुआ यह गोदाम रिहाइशी इलाके में मंदिर व गुरुघर से बिल्कुल सटा हुआ है। लोग पहले इसका लगातार विरोध करते आ रहे थे परंतु प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया। वैसे भी नियमानुसार पटाखा फैक्टरी या फिर गोदाम रिहाइशी इलाकों के पास नहीं हो सकता। इसे रिहाइशी क्षेत्र से बाहर बनाने पर ही एक्सप्लोजन का लाइसेंस मिलता है।
इस पटाखा गोदाम को प्रशासन ने रिहाइशी इलाके में लाइसेंस कैसे दे दिया था यह प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवाल है। इसी बीच डीसी ने गोदाम मालिक के पास तीन लाइसेंस होने की बात कही है। इस पटाखा गोदाम के बारे में जागरण ने पहले भी आगाह किया था। यदि प्रशासन ने समय रहते कोई कार्रवाई की होती तो आज यह हादसा पेश न आता।