शिवराज ने कहा, मध्य प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल ऐसे ही नहीं कहते !

मध्य प्रदेश की सत्ता से 15 साल तक महरूम रहने के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में काफी संधर्ष के बाद कांग्रेस प्रदेश की बागडोर अपने हाथ में लेने में कामयाब रही

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : मध्य प्रदेश की सत्ता से 15 साल तक महरूम रहने के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में काफी संधर्ष के बाद कांग्रेस प्रदेश की बागडोर अपने हाथ में लेने में कामयाब रही। लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ऐसा बयान दे दिया जिससे विरोधी तो छोड़िए। कांग्रेस के सहयोगी दलों ने भी उन पर हमले करने शुरू कर दिए। कथित तौर पर उन्होंने कहा था कि बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लोगों के कारण मध्य प्रदेश में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं मिल पाती है।उनके इस बयान का पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ना कोई इधर का है, ना कोई उधर का है। मध्यप्रदेश में जो भी आता हैं, यहीं का होकर ही बस जाता हैं। मध्य प्रदेश को हिंदुस्तान का दिल ऐसे ही नहीं कहते! क्यों ठीक कहा ना? सीएम कमलनाथ ने यह भी कहा था कि मध्यप्रदेश में ऐसे उद्योगों को छूट दी जाएगी जिनमें 70 प्रतिशत नौकरी मध्य प्रदेश के लोगों को दी जाएगी।कमलनाथ के बयान पर बिहार और उत्तर प्रदेश से तीखी प्रतिक्रियाएं आईं और उनके बयान के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर की अदालत में शिकायत दर्ज की गई है। शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने दर्ज कराई है। इस शिकायत में लिखा गया है कि अभियुक्त द्वारा बिहारी तथा उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं पर उंगली उठाने तथा उन्होंने अपने बयान में कहा कि बिहार और यूपी के लोगों के आ जाने के कारण मध्य प्रदेश के लोगों को रोजी-रोटी नहीं मिलता है। उनका ये बयान बिहार और यूपी के लोगों को अपमानित करने वाला है। उनकी प्रतिभाओं को नीचा दिखाने और अपमानित करने वाला बयान है। कमलनाथ के बयान का मुद्दा संसद में भी उठा। बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने बुधवार को लोकसभा में उठाया और कहा कि कमलनाथ लोकसभा के सदस्य हैं, उनका बयान सदन की भावना के खिलाफ है और ऐसे में उन्हें खुद सदन में आकर माफी मांगनी चाहिए। सदन में शून्यकाल के दौरान जायसवाल ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह देश एक है और सभी को कहीं भी जाने और रहने का पूरा अधिकार है। कमलनाथ का बयान इस भावना के खिलाफ है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पैदा हुए कमलनाथ मध्य प्रदेश में खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया का हक मार गए और अब वह उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बारे में इस तरह की बातें कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा कि कमलनाथ इस सदन के सदस्य हैं इसलिए उन्हें यहां आकर अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए। कमलनाथ ने सोमवार देर शाम को किसानों की कर्ज माफी के आदेश जारी किए जाने की पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा था कि राज्य में युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से उद्योग संवर्धन नीति 2018 और एमएस एमई विकास नीति-2017 में संशोधन का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुरूप अब राज्य शासन से वित्तीय और अन्य सुविधाएं लेने वाली औद्योगिक इकाइयों को 70% रोजगार मध्य प्रदेश के स्थायी निवासियों को देना अनिवार्य होगा।

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