शराबबंदी के बाद नीतीश ने बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान शुरू किया

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए सोमवार (2 अक्टूबर) को घोषणा की कि इसको लेकर अगले साल 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनायी जाएगी. गांधी जयंती पर सोमवार (2 अक्टूबर) को यहां नीतीश ने कहा कि बापू के चंपारण सत्याग्रह के सौ साल पूरा होने के अवसर पर शराबबंदी के बाद अब प्रदेश में बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ बडे़ अभियान की शुरुआत की जा रही है जो बापू के विचारों के प्रति हमलोगों की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि हम लोगों तक इस बात को पहुंचाएंगे कि यह बुरी चीज है. बाल विवाह का कितना नुकसान बेटियों को हो रहा है. दहेज प्रथा के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है.

नीतीश ने कहा कि इसके लिए जो पूर्व से कानून है उसे मुस्तैदी से पालन तो कराएंगे ही लेकिन उससे बडी चीज है लोगों की जन भावना. लोग जागृत हो जायेंगे और उनका सहयोग मिला तो पूरा विश्वास है कि इसमें कामयाबी मिलेगी. उन्होंने कहा कि दहेज एवं बाल विवाह एक बड़ी सामाजिक कुरीति है, जिसे जड़ से मिटाना जरूरी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद अब बाल विवाह एवं दहेज प्रथा जैसी कुरीति पर कड़ी चोट करने की जरूरत है. बाल विवाह अभी 39 प्रतिशत है, इसके साथ ही बड़ी संख्या में महिलायें दहेज प्रथा की शिकार हो रही हैं. उन्होंने कहा कि लोग गरीबी, अशिक्षा, कुरीति के कारण बाल विवाह करते हैं, इसका दुष्परिणाम काफी गंभीर होता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 21 साल से कम उम्र के लड़के और 18 साल के कम उम्र की लड़की की शादी नहीं होने का कानून है, लेकिन बाल विवाह होता है. बाल विवाह के पश्चात लड़कियों को काफी कष्ट झेलना पड़ता है. अगर लड़की कम उम्र में गर्भ धारण करती है तो प्रसव के दौरान बच्चा एवं मां की मौत की आशंकाये बढ़ जाती है और बच्चे को जन्म के बाद बीमारी की संभावना रहती है.

उन्होंने कहा कि बाल विवाह का एक और कारण यह भी है कि लोगों को लगता है कि ज्यादा उम्र में लड़की की शादी करने में दहेज ज्यादा देना होगा. देश भर में महिला उत्पीड़न में हमारा स्थान 26वां है, वहीं दहेज उत्पीड़न के मामले में उतर प्रदेश के बाद दूसरा. उन्होंने कहा कि शराबबंदी एवं नशामुक्ति के लिये गत 21 जनवरी को बनी मानव श्रृंखला की तरह ही अगले साल 21 जनवरी को दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ मानव श्रृखला बनायी जायेगी. उन्होंने कहा कि इस अभियान को राजनीति से न जोड़ें. 21 जनवरी 2018 को सभी पार्टी के लोग मानव श्रृंखला में शामिल हों.

समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे कि अगर आवश्यकता पडे़ तो कानून बनाइए कि अगर किसी पंचायत में अगर कोई बाल विवाह होता है तो उसके केवल उस परिवार के लोग जिम्मेदार नहीं होंगे बल्कि मुखिया सहित उस इलाके की निर्वाचित पंचायत के प्रतिनिधिगण भी जिम्मेदार होंगे. उन्होंने कहा कि इसके लिए पुलिस के साथ-साथ समाज की मदद लेंगे और बाल विवाह के कलंक को अगले दो साल के भीतर मिटाने का काम करेंगे.

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