विहिप उपाध्यक्ष : बंटवारा नहीं, मंदिर के लिए पूरी जमीन चाहिए
आज वही काम विहिप कर रही है। अयोध्या में केवल राम मंदिर चाहिए
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अयोध्या में रविवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की धर्म सभा हुई। इस दौरान संचालन कर रहे विहिप उपाध्यक्ष चंपत राय ने कहा कि जब अर्जुन नहीं समझ रहे थे तो कृष्ण ने मुंह खोला था। आज वही काम विहिप कर रही है। अयोध्या में केवल राम मंदिर चाहिए। मस्जिद का कोई स्थान नहीं है। हमें पूरी जमीन चाहिए। जमीन का बंटवारा नहीं होगा।चंपत राय ने कहा- हिंदुओं के सब्र की परीक्षा न ली जाए। आज सिर्फ 48 जिलों से रामभक्त आए हैं। आगे यहां और भीड़ आएगी। विहिप ने इस सभा के जरिए सरकार से आगामी शीतकालीन सत्र में राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने की भी मांग की।
प्रगतिशील मोर्चा के प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में हमें या तो फैसले का इंतजार करना चाहिए या आम सहमति बनानी चाहिए। सरकार के पास पर्याप्त जगह है, राम मंदिर सरयू नदी के किनारे कहीं भी बनाया जा सकता है। विवादित भूमि पर मंदिर की कोई बात नहीं होनी चाहिए।कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- सभी लोग अयोध्या में चुनाव के चलते जा रहे हैं। उद्धव ठाकरे को चार सालों तक अयोेध्या जाने से किसने रोका था? एक तरफ वे भाजपा के दोस्त हैं और दूसरी ओर लोगों को बता रहे हैं कि वे राम मंदिर निर्माण चाहते हैं।एडीजी आनंद कुमार ने बताया- अयोध्या को विभिन्न जोनों में बांटा गया है। इनमें से रेड जोन और येलो जोन दो प्रमुख हैं। भारी संख्या में सीएपीएफ, पीएसी, एटीएस जवानों को तैनात किया गया। ड्रोन कैमरा से नजर रखी जा रही है। अयोध्या में अलग-अलग जगहों से करीब 2000 बसें आई हैं।उत्तर प्रदेश के बैरिया विधानसभा सीट से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा- शिवसेना राम मंदिर मुद्दे को कैसे हाईजैक कर सकती है। जिन लोगों ने उत्तर भारतीयों को पीटकर मुंबई से भगा दिया, जिन्हें मानवता पर भरोसा नहीं वे भला राम भगवान की सेवा कैसे करेंगे।संघ प्रमुख मोहन भागवत रविवार शाम नागपुर में राम मंदिर मुद्दे पर होने वाली विहिप की हुंकार रैली को संबोधित करेंगे।
राम मंदिर निर्माण के लिए आमरण अनशन कर चुके तपस्वी छावनी के महंत स्वामी परमहंस दास ने कहा- भाजपा आज विश्व हिंदू परिषद को आगे करके धर्माचार्य को तोड़ने-फोड़ने का काम कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर 6 दिसंबर से पहले राम मंदिर निर्माण शुरू नहीं हुआ तो वह आत्मदाह कर लेंगे। धर्म सभा में महंत नृत्य गोपाल दास को मंच पर सबसे आगे बिठाया गया। मंच पर हरिद्वार, अयोध्या और अन्य प्रदेशों से संतों को भी स्थान मिला। धर्म सभा को किन्नर अखाड़े ने भी समर्थन दिया। महामंडलेश्वर भवानी नाथ वाल्मीकि की अगुआई में तमाम किन्नर धर्मसभा में पहुंचे। इससे पहले धर्म सभा मार्ग से गुजरने वाले रामभक्तों पर बबलू नाम के मुस्लिम युवक की अगुवाई में लोगों ने पुष्प वर्षा की।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रतापगढ़ के पूर्व सह संघ चालक सियाराम उमरवैश्य ने मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपए दान दिए। यह ऐलान उन्होंने हाल ही में किया था। रविवार को धर्म सभा में उन्होंने विहिप के मंच पर मणिराम छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास को चेक सौंपा। सियाराम, रियल स्टेट कारोबारी हैं। उन्होंने अपनी जमीन बेचकर यह राशि जुटाई।शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रविवार को पत्नी रश्मि व बेटे आदित्य के साथ राम जन्मभूमि में रामलला के दर्शन किए। ठाकरे शनिवार को अयोध्या पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि मैं चार साल से सो रहे कुंभकरण को जगाने के लिए यहां आया हूं।
अगर सरकार मंदिर के लिए कानून लाती है तो हम समर्थन करेंगे।धर्म सभा से पहले विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि यह हमारी अाखिरी बैठक है। इसके बाद और सभाएं या प्रदर्शन नहीं होंगे। न ही किसी को समझाया जाएगा। सीधे मंदिर निर्माण होगा। विहिप के संगठन सचिव भोलेंद्र ने कहा, ‘‘हमने पहले 1950 से 1985 तक 35 साल अदालती फैसले का इंतजार किया। इसके बाद 1985 से 2010 तक का समय हाईकोर्ट को फैसला देने में लग गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने त्वरित सुनवाई की अर्जी दो मिनट में ठुकरा दी। दुर्भाग्य है कि 33 साल से रामलला टेंट में हैं। अब और इंतजार नहीं होगा।’’अयोध्या में धर्म सभा को देखते हुए सभी स्कूल-कॉलेज भी बंद रहे। बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी के घर पर अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाई गई। एडीजी स्तर के पुलिस अफसर को सुरक्षा का जिम्मा दिया गया। यहां तीन एसएसपी, 10 एएसपी, 21 डीएसपी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कांस्टेबल, पीएससी 100 कंपनी, आरएएफ की 5 कंपनी और एटीएस कमांडो समेत 70 हजार जवानों को तैनात किया गया। उधर, अयोध्या विवाद में पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुरक्षा व्यवस्था पर संतुष्टि जताई और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि अगर 1992 में इस तरह की सुरक्षा होती तो बाबरी का विध्वंस न होता।अयोध्या में धर्म सभा में हिस्सा लेने आए संत धर्माचार्यों को उम्मीद है कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में विवादित राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश या कानून ला सकती है। संतों का मानना है कि सरकार अगर ऐसा करती है तो भाजपा के लिए 2019 की राहें आसान हो जाएंगी।