विमानन मंत्रालय ने हवाई यात्रा के लिए आरोग्य सेतु एप अनवार्य किया।

एसओपी में कहा गया है, ‘शारीरिक दूरी चिह्न्, कतार प्रबंधन और भीड़ से बचने के लिए क्षेत्र में अलग बैठने और प्रवेश पर कतार, सुरक्षा के लिए ड्यूटी पर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता रहेगी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : देश में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए सरकार की ओर से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घरेलू कामर्शियल विमान संचालन बहाल करने से पहले एयरलाइंस और हवाई अड्डा संचालकों समेत सभी उड्डयन भागीदारों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा जारी किया है। मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस और हवाई अड्डा संचालकों से एसओपी पर जवाब मांगा है। एसओपी में कहा गया है, ‘नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयरलाइंस और हवाई अड्डा संचालकों समेत सभी उड्डयन भागीदारों के लिए उड़ान बहाल करने से पहले एसओपी जारी किया है। उड़ान बहाली के पहले चरण में 80 साल से अधिक उम्र के लोग यात्र के लिए प्रतिबंधित रहेंगे। शुरुआती चरण में केबिन बैगेज की इजाजत नहीं होगी। केवल एक पीस चेक-इन-बैगेज (20 किलो से कम) की अनुमति होगी।’ इसमें कहा गया है कि यात्री और कर्मचारी में कोई लक्षण पाए जाने और आरोग्य सेतु एप पर ग्रीन नहीं दिखने पर हवाई अड्डा टर्मिनल भवन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आरोग्य सेतु एप के इस्तेमाल के मुद्दे पर एयरलाइंस ढीला रुख दिखा चुके हैं। एक एयरलाइन अधिकारी ने कहा, ‘एयरलाइंस ने पाया है कि कई यात्री स्मार्ट फोन लेकर नहीं चलते हैं। ऐसी स्थिति में उन यात्रियों से हम कैसे निपटेंगे?’ इसके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सुरक्षा एवं संरक्षा पर जोर दिया है। किसी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षाकर्मी न्यूनतम संपर्क करेंगे। एसओपी में कहा गया है, ‘शारीरिक दूरी चिह्न्, कतार प्रबंधन और भीड़ से बचने के लिए क्षेत्र में अलग बैठने और प्रवेश पर कतार, सुरक्षा के लिए ड्यूटी पर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता रहेगी। हैंड सैनिटाइजर डिस्पेंसर की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।’  विमान की प्रणाली के कारण हवा में जानलेवा वायरस नहीं फैल सकता है। हवाई यात्रा बहाल होने के बाद कतार में आगे या पीछे किसी को छींक आ रही हो या खांस रहा हो तो डरने की जरूरत नहीं है। इसका कारण यह है कि जानलेवा कोरोना वायरस का खतरा अत्यंत न्यून रहेगा। यदि किसी व्यक्ति के संक्रमण की जांच नहीं हुई है और वह छींक या खांस रहा है और वह मास्क पहने है तो केबिन में हवा से संक्रमण का फैलना और दूसरे तक पहुंचना आसान नहीं होगा। हवाई यात्राओं में संक्रमण फैलने के ज्यादा खतरों के मद्देनजर सावधानी रखनी आवश्यक है।

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