वायुसेना प्रमुख ने डीआरडीओ से एयरफोर्स के लिए 5वीं पीढ़ी का कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बनाने की मांग की।

डीआरडीओ की 41वीं डायरेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में भदौरिया ने कहा कि भविष्य में टेक्नोलॉजी के नेतृत्व से हमें विपरीत परिस्थितियों में तकनीकी बढ़त मिलेगी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : भारतीय वायुसेना को आधुनिक बनाने के लिए आत्मनिर्भरता की वकालत वाय्युसेना प्रमुख ने की है। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने एयरफोर्स को बेहतर हथियार प्रणाली मुहैया कराने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की तारीफ की। उन्होंने मंगलवार को कहा कि डीआरडीओ को अब 5वीं पीढ़ी का एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) विकसित करना चाहिए। डीआरडीओ की 41वीं डायरेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में भदौरिया ने कहा कि भविष्य में टेक्नोलॉजी के नेतृत्व से हमें विपरीत परिस्थितियों में तकनीकी बढ़त मिलेगी। डीआरडीओ ने इसे साबित कर दिखाया है। हमारे पास डीआरडीओ के साथ जुड़ने का लंबा इतिहास है। 70 के दशक में हम दुश्मनों से पीछे थे और फिर डीआरडीओ ने सबसे पहले हमें इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम दिया। साधारण रडार वॉर्निंग सिस्टम की जगह इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम मिलने से वायुसेना की ऑपरेशन की क्षमता बढ़ी। भदौरिया ने कहा, ”अब एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) डीआरडीओ का प्रोजेक्ट है। हमने इसे 5वीं पीढ़ी का कह सकते हैं, इसके बाद एयरक्राफ्ट की 6वीं और 7वीं पीढ़ियां भी विकसित होंगी। मुझे लगता है कि डीआरडीओ को 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान जल्द तैयार करना चाहिए। अपने गर्व के लिए ही नहीं बल्कि वायुसेना के लिए भी। 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस के मौके पर भदौरिया ने मेक इन इंडिया के तहत देश में बने हथियार और तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि हम लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) का इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं। तेजस विमान हमारे जंगी बेड़े में शामिल हो चुका है। अभी इसकी एक स्क्वॉड्रन है, भविष्य में पांच विमान और शामिल किए जाएंगे। 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी एडवांस्ड मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) का बनाने का काम शुरू हो गया है।

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