लद्दाख LAC में तनाव के चलते NSA डोभाल समेत तीनों सेना प्रमुखों ने पीएम मोदी से की मुलाकात।
इस मीटिंग से पहले इन सभी शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चार घंटे से ज्यादा देर तक मीटिंग की।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : भारत चीन सीमा विवाद बढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी लद्दाख के कुछ क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच मंगलवार को उच्चस्तरीय मीटिंग का सिलसिला चलता रहा। इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल विपिन रावत और तीनों सेना प्रमुखों के साथ बातचीत की। इस मीटिंग में बाह्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की सैन्य तैयारियों पर चर्चा की गई। सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। इस मीटिंग से पहले इन सभी शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चार घंटे से ज्यादा देर तक मीटिंग की। उस मीटिंग में एनएसए डोभाल नहीं थे। उधर, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी सेना को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा। बताया जा रहा है कि सीडीएस और सेना के तीनों सेना के प्रमुखों ने प्रधानमंत्री मोदी को पूर्वी लद्दाख में बदलते हालात से अवगत कराया। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि महत्वाकांक्षी सैन्य सुधारों और भारत की युद्ध क्षमता को बढ़ाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के साथ यह मीटिंग पहले से ही तय थी। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि पेंगोंग त्सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत और चीन के सैनिक पिछले 20 दिनों से एक-दूसरे की आखों में आखों डाले खड़े हैं। सैन्य तंत्र के लोगों ने बताया कि प्रधानमंत्री को लद्दाख के हालात की जानकारी दी गई। हालांकि, इस मीटिंग के बारे में कोई आधिकारीक बयान जारी नहीं किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जरूर कहा कि एनएसए डोभाल लद्दाख के साथ-साथ उत्तरी सिक्किम और उत्तराखंड में एलएसी पर बदलती परिस्थितियों पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। एक अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘भारत पर सैन्य दलबल से भारत पर दबाव बनाने की रणनीति कामयाब नहीं हो पाएगी। हम एलएसी पर यथास्थिति बहाल करना चाहते हैं।’ मीटिंग में चारों जनरलों ने पीएम को बताया कि एलएसी के साथ-साथ आधारभूत ढांचा निर्माण के कौन-कौन से कार्य चल रहे हैं और उनकी ताजा परिस्थिति क्या है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत चीन के साथ लगी करीब 3,500 किमी लंबी अपनी सीमा पर सामरिक क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा के विकास परियोजनाओं को नहीं रोकेगा। हालांकि, चीन पूर्वी लद्दाख जैसे क्षेत्रों में बवाल खड़ा कर इन निर्माण कार्यों में बाधा डालने की पूरी साजिश रच रहा है। कोरोना जैसी वैश्विक समस्या के बीच भारत-चीन का सीमा विवाद गरमा गया है