रूस ने यूक्रेन की नौसेना के 3 जहाजों पर किया हमला ! जहाज किए जब्त

इस घटना के बाद यूक्रेन में मार्शल लॉ लगाने की तैयार की जा रही है

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : रूस ने साेमवार को यूक्रेन की नौसेना के तीन जहाजों पर हमला कर उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। इसी के साथ दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया है। रूस का आरोप है कि यूक्रेन की नौसेना ने क्रीमियाई प्रायद्वीप स्थित उसकी जल सीमा में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश की। ऐसे में उसे नौसेना को रोकने के लिए हथियारों का इस्तेमाल करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस मामले में एक आपात बैठक बुलाई है।जानकारी के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन के दो जहाज और एक टगबोट को कब्जे में लेने के लिए बल प्रयोग किया। इसमें कई यूक्रेनी नौसैनिकों को चोट आई हैं। इस घटना के बाद यूक्रेन में मार्शल लॉ लगाने की तैयार की जा रही है।यूक्रेन नौसेना का कहना है कि घटना रविवार को उस वक्त हुई जब उसके दो छोटे युद्धपोत और एक टगबोट कर्च की खाड़ी से गुजर रहे थे। रूस और यूक्रेन के बीच अजोव समुद्र में यही एकमात्र समुद्री रास्ता है। यहां पर रूसी नौसेना ने बिना चेतावनी दिए खुलेआम आक्रामक रवैया अपनाया और अपने जहाज से टगबोट को रौंद दिया। इसके बाद दोनों युद्धपोतों पर हमला कर उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। रूस ने इलाके में दो फाइटर जेट और दो हेलिकॉप्टर भी तैनात कर दिए हैं। फिलहाल सुरक्षा के मद्देनजर दोनों ही तरफ से आवाजाही बंद है। रूसी खुफिया एजेंसी एफएसबी ने माना कि उसने घटना में बल प्रयोग किया, लेकिन हमले में सिर्फ तीन यूक्रेनी नौसैनिकों के घायल होने की बात कही। अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए एफएसबी ने कहा कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि ब्लैक सी में इस तनाव के लिए यूक्रेन ही जिम्मेदार है। रूस और यूक्रेन के बीच समुद्री सीमा को लेकर यह विवाद कोई नया नहीं है। दरअसल, कुछ समय पहले यूक्रेन ने अपने क्षेत्र से रूस के कब्जे वाले क्रीमिया की एक नाव को पकड़ा था। मॉस्को ने इसके बाद ही यूक्रेन पर कड़ा रुख दिखाते हुए इस क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों पर निगरानी बढ़ा दी। अजोव सागर रूस के कब्जे वाले पूर्वी क्रीमिया और यूक्रेन के दक्षिणी इलाके में स्थित है। 2003 के एक समझौते के मुताबिक, दोनों ही देश किर्च खाड़ी पर मौजूद समुद्र का साझा रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां मौजूद दो बंदरगाह बरदयान्सक और मारिउपोल खाद्य सामग्री, स्टील और कोयले के आयात और निर्यात के लिए अहम हैं।

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