राज ठाकरे से ईडी की पूछताछ के चलते मुंबई के कई इलाकों में धारा 144 लगी, जानें पूरा मामला।
। ईडी की पूछताछ से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई के बचाव में आए हैं। उन्होंने कहा है कि इस पूछताछ से कुछ नहीं निकलेगा।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : प्रवर्तन निदेशालय महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से पूछताछ कर रहा है। पुलिस ने संभावित हंगामे के मद्देनजर 200 से ज्यादा एमएनएस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। इसके साथ ही मरीन ड्राइव, MRA मार्ग, दादर और आजाद मैदान थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगाई गई है। राज ठाकरे से यह पूछताछ कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में आईएल ऐंड एफएस द्वारा 450 करोड़ रुपये की इक्विटी निवेश और कर्ज से जुड़ी कथित अनियमियतताओं की जांच के सिलसिले में हो रही है। इसको लेकर ईडी ने ईडी ने राज ठाकरे को नोटिस जारी किया था। ईडी की पूछताछ से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई के बचाव में आए हैं। उन्होंने कहा है कि इस पूछताछ से कुछ नहीं निकलेगा। गौरतलब है कि कोहिनूर सीटीएनएल दादर में कोहिनूर टॉवर्स के कंस्ट्र्क्शन का काम कर रही है। ईडी कंपनी की शेयर होल्डिंग और उसके निवेश की बारीकी से जांच कर रही है। कोहिनूर मिल्स नंबर 3 को खरीदने के लिए शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी, एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे और उनके एक अन्य बिजनस सहयोगी ने मिलकर एक कन्सोर्टियम गठित किया था। इसमें आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने भी काफी बड़ी रकम निवेश की थी। आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने उनकी कंपनी में 225 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इसके बाद साल 2008 में इसने बड़ा नुकसान उठाते हुए कंपनी में अपने शेयर्स को महज 90 करोड़ रुपये में सरेंडर कर दिया। उसी साल राज ठाकरे ने भी अपने शेयर बेच दिए थे और कंसोर्टियम से बाहर निकल गए थे। अपना शेयर सरेंडर करने के बाद भी आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को अडवांस लोन दिया, जिसे कथित तौर पर कोहिनूर सीटीएनएल चुका नहीं पाया। साल 2011 में कोहिनूर सीटीएनएल कंपनी ने अपनी कुछ संपत्तियां बेचकर 500 करोड़ रुपये का लोन चुकाने के समझौते पर साइन किया। इस समझौते के बाद आईएल ऐंड एफएस ग्रुप ने कोहिनूर सीटीएनएल को 135 करोड़ रुपये का और लोन दे दिया। अब उन्मेष का कोहिनूर ग्रुप कोहिनूर सीटीएनएल को नहीं चलाता है। यह कंपनी प्रभादेवी की एक कंपनी की हो गई है। ईडी के मनी लॉन्डरिंग जांच में आईएल ऐंड एफएस के टॉप अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि बिना जांच के अलग-अलग प्राइवेट कंपनियों के जरिए लोन बांटे गए। आरोप है कि ये लोन देने के लिए पर्याप्त कोलैटरल नहीं लिया गया और खराब वित्तीय हालात से जूझ रहीं कंपनियों को कर्ज दे दिए गए। फिलहाल राज ठाकरे से पूछताछ के चलते मुंबई में सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था कर रखी ताकि कोई अप्रिय घटना से बचा जा सके।