अफशां आशिक जहां असंतुष्ट छात्रा के रूप में श्रीनगर की गलियों में पुलिस पर पत्थर फेंकने वाली लड़कियों के गुट की अगुवाई करती थीं, पर पत्थर फेंकने वालों छात्रों की यह पोस्टर गर्ल अब जम्मू कश्मीर महिला फुटबॉल टीम की कप्तान बन गयी हैं जो एक स्वप्निल बदलाव है और यह एक तरह से कश्मीरियों के दिलों को जीतने की सरकारी दास्तां भी बयां करता है।
इस 21 वर्षीय खिलाड़ी ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करके उन्हें राज्य में खिलाड़ियों के सामने आने वाली समस्याओं से अवगत कराया और मदद की गुहार लगायी तथा कहा कि वह वापस मुडकर नहीं देखना चाहतीं।
अफशां की जिंदगी पर जल्द ही फिल्म बनायी जा सकती है, उन्होंने कहा, ‘मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गयी। मैं विजेता बनना चाहती हूं और राज्य व देश को गौरवान्वित करने के लिए कुछ करना चाहती हूं।’
बॉलिवुड के मशहूर फिल्मकार अफशां की कहानी पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं लेकिन अपने नाम का खुलासा नहीं करना चाहते। वह 22 सदस्यीय फुटबॉल टीम को लेकर गृहमंत्री से मिलने पहुंचीं। सिंह ने टीम को मिलने के लिये बुलाया था। आधे घंटे तक चली बैठक में गृहमंत्री से कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में उचित खेल आधारभूत ढांचा तैयार किया जाता है तो युवा आतंकवाद और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों से इतर अपने कौशल को निखारने के लिये प्रेरित होंगे और राज्य का नाम चमकाएंगे।
टीम की कप्तान अफशां ने पीटीआई से कहा, ‘जब हमने गृहमंत्री से कहा कि जम्मू-कश्मीर में खेल आधारभूत ढांचे की कमी है उन्होंने तुरंत मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से फोन पर बात की और उनसे जरूरी मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने हमें बताया कि (प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज के तहत) राज्य के लिये पहले ही 100 करोड़ रुपये आवंटित किये जा चुके हैं।
श्रीनगर की रहने वाली अफशां अभी मुंबई के एक क्लब के लिए खेल रही है। वह मानती हैं कि उनकी जिंदगी और करियर ने जब यू-टर्न लिया तब उनकी फोटो पत्थर फेंकने वाली के तौर पर राष्ट्रीय मीडिया में आ गयी थी।