माउंट एवरेस्ट की एक तस्वीर ने विशेषज्ञों को डाला चिंता में।

। जिस तरह से ये पिघल रहे हैं उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले 100 सालों में स्थिति और भी खराब हो जाएगी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) :    ग्लेशियरों का पिघलना एक बड़ा चिंताजनक विषय बनता जा रहा है। सैटेलाइट से ली गई माउंट एवरेस्ट की तस्वीरों से सामने आया की उसके आसपास के ग्लेशियरों की बर्फ तेजी से खत्म हो रही है। जिस तरह से ये पिघल रहे हैं उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले 100 सालों में स्थिति और भी खराब हो जाएगी। इस सैटेलाइट ने 1962 से 2018 तक कई तस्वीरें ली हैं। इस बारे में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन ने 13 दिसंबर को एक रिपोर्ट पेश की। जिसमें यह बताया गया कि किस तरह माउंट एवरेस्ट के आस-पास के ग्लेशियर पिघल रहे हैं। 1950 के दशक में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पूरे सोवियत यूनियन पर नजर रखने के लिए एक सीक्रेट सैटेलाइट लॉन्च की जिसका नाम कोरोना था। इसने 1972 तक काम किया। 1995 में मिशन ने 8 लाख से ज्यादा तस्वीरें खींची थीं। इन तस्वीरों में हिमालय के भी कई दृश्य शामिल थे। इस खुलासे से वैज्ञानिकों के सामने हैरान करने वाले आंकड़े सामने आये हैं, समय के साथ इस क्षेत्र के ग्लेशियर कैसे बदल रहे हैं। कुल मिलाकर, शोधकर्ताओं ने पाया कि रोंगबुक और खुंबुक ग्लेशियर जो एवरेस्ट बेस कैंप में स्थित हैं, 60 वर्षों में 260 फीट (80 मीटर) से अधिक पतला हो गए। जबकि इमजा ग्लेशियर 300 फीट (100 मीटर से अधिक बर्फ) पिघल चुका है। जैसे-जैसे पृथ्वी गर्म होती है ग्लेशियर की बाहरी सतह पिघलने लगती है और चट्टानें दिखाई देना शुरू हो जाती हैं। इससे ये आसानी से देखा जा सकता है कि कैसे बर्फ खो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार 1960 के दशक में बर्फ के कम होने के पहले संकेत मिले थे। जब हम अब पूरे क्षेत्र को देखते हैं, तो हमें बड़े पैमाने पर नुकसान स्पष्ट दिखते हैं।

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