महाराष्ट्र में BJP को मिला यह बड़ा सपोर्ट, शिवसेना से गठबंधन की उलझन अभी भी जारी।

भाजपा को समर्थन देने गुरुवार को यह सब विधायक देवेंद्र फडणवीस से मिले, जिस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान और किसानों की सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम शामिल थे।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : बीजेपी को महाराष्ट्र में अप्रत्याशित तौर पर समर्थन मिला है। विभिन्न दलों के कई विधायकों ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और राज्य में भाजपा और शिवसेना के बीच सरकार बनाने को लेकर चल रही खींचतान के बीच उनको समर्थन दिया। उन विधायकों में जिन्होंने फडणवीस सरकार को सपोर्ट दिया- बीवीए के क्षितिज ठाकुर (नालासोपारा), किसानों और मजदूरों की पार्टी के श्यामसुंदर शिंदे (लोहा), जनसूर्य शक्ति के विनय कोरे, निर्दलीय विधायक रवि राणा (बडनेरा), संजय शिंदे (करमाला), गीता जैन (मीरा भायंदर), महेश बाल्दी (उरण), किशोर जोरगेवार (चंद्रपुर), विनोद अग्रवाल (गोंदिया), राजेंद्र राउत (बरसी), प्रकाश अन्ना अघडे (इचलकरंजी) शामिल हैं। भाजपा को समर्थन देने गुरुवार को यह सब विधायक देवेंद्र फडणवीस से मिले, जिस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। इसमें बेमौसम बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान और किसानों की सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम शामिल थे। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मीडिया को बताया था कि लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उद्धव ठाकरे की बातचीत में 50-50 के फॉर्मूले पर फैसला हुआ था। ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद उसी फॉर्मूले का हिस्सा था। अब जब भाजपा इस पर लिखित आश्वासन देगी तभी सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के यह साफ किया कि शिवसेना के साथ 50-50 फॉर्मूले (ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री) पर कभी कोई बात नहीं हुई। जहां उनके इस बयान से साथ शिवसेना की भाजपा के साथ होने वाली बैठक टाल दी। फडणवीस का यह बयान मंगलवार दोपहर पत्रकारों के साथ एक अनौपचारिक वार्ता के दौरान आया। हालांकि, इसके बाद ही उद्धव ठाकरे ने भी कहा कि जब मुख्यमंत्री अपने शब्दों से पीछे हट रहे हैं तो बैठक करके क्या फायदा? बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के साथ लड़ी हैं, जिसमें भाजपा को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी है। वहीं, एनसीपी ने विधानसभा में 54 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 44 सीटें जीतीं। राज्य में सरकार बनाने के लिए पार्टी को 145 सीटों का बहुमत चाहिए।

Leave A Reply

Your email address will not be published.