मध्य प्रदेश: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का निधन ।

बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने बुधवार को अपनी अंतिम सांसें ली ।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) :बता दें कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने  बुधवार को अपनी अंतिम सांसें ली। वे लंबे समय से बीमार थे। कुछ दिन पहले उन्हें भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गौर को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके अलावा उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। गौर ने 2004 में उमा भारती के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद प्रदेश की कमान संभाली थी। गौर का जन्म 2 जून 1930 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था। वे भाजपा के अकेले नेता रहे जिन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा के लगातार 10 चुनाव जीते। 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक वे मप्र के मुख्यमंत्री रहे थे। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा फिर सत्ता में आई और उन्हें मंत्री बनाया गया। राजनीति में आने से पहले गौर ने भोपाल की कपड़ा मिल में मजदूरी की थी। श्रमिकों के हित में अनेक आंदोलनों में भाग लिया था। वे भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक सदस्य हैं। 1974 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा उन्हें ‘गोआ मुक्ति आंदोलन’ में शामिल होने के कारण स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का सम्मान प्रदान किया गया था। 2003 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उमा भारती के नेतृत्व में भाजपा भारी बहुमत से 10 साल बाद सत्ता में लौटी। उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं। एक साल के अंदर ही उनके नाम कर्नाटक के हुबली शहर की अदालत से वॉरंट जारी हो गया। 10 साल पुराने मामले में उमा भारती को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के कहने पर इस्तीफा देना पड़ा था। उमा ने गौर को ये सोचते हुए मुख्यमंत्री बनवाया कि वे जब कहेंगी गौर त्यागपत्र दे देंगे। उमा ने उन्हें गंगाजल हाथ में रखकर कसम दिलाई थी कि जब कहूं तब नेतासीएम की कुर्सी छोड़ देना। लेकिन, क्लीन चिट मिलने पर जब उमा ने उनसे इस्तीफा मांगा तो गौर ने साफ मना कर दिया था। बाबूलाल गौर ने 23 अगस्त 2004 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने भोपाल की गोविंदपुरा सीट से 10 बार चुनाव जीता। जून 2016 में भाजपा आलाकमान ने उम्र का हवाला देकर गौर को मंत्री पद छोड़ने के लिए कहा था। पार्टी के इस निर्णय से वे स्तब्ध और दुखी थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा न तो उन्हें टिकट देना चाहती थी न उनकी पुत्रबधू कृष्णा को। गौर ने बगाबती तेवर अपना लिए और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी शुरू कर दी। बाबूलाल मध्य प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता थें ।

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