भारत में जल्द ही सिंगल डोज वाली रूस की स्पुतनिक लाइट वैक्सीन मिल सकने की है संभावना ।
रूस ने कुछ दिन पहले ही कोरोना की सिंगल डोज वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह स्पुतनिक फैमिली की नई वैक्सीन है, जिसका अभी यूरोप और अमेरिका को छोड़कर दुनिया के 60 देशों में इस्तेमाल हो रहा है।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भारत इस समय कोरोना की खराब स्थिति से गुजर रहा है। देश में रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V की डिलीवरी शुरू होने वाले दिन ही इससे जुड़ी एक और अच्छी खबर आई। सूत्रों के मुताबिक, स्पुतनिक लाइट भारत में इस्तेमाल की मंजूरी पाने वाली पहली सिंगल डोज वैक्सीन हो सकती है। अगले महीने सरकार और रेगुलेटरी अथॉरिटी के बीच इस पर बात होगी। इस वैक्सीन के इस्तेमाल के बाद 10 दिन में 40 गुना तक एंटीबॉडी डेवलप होती है।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने शुक्रवार को ही स्पुतनिक-V की डिलीवरी शुरू की है। इसके एक डोज की कीमत 995.40 रुपए तय की गई है।
रूस ने कुछ दिन पहले ही कोरोना की सिंगल डोज वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की है। यह स्पुतनिक फैमिली की नई वैक्सीन है, जिसका अभी यूरोप और अमेरिका को छोड़कर दुनिया के 60 देशों में इस्तेमाल हो रहा है। स्पुतनिक लाइट को मॉस्को के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बनाया है।
स्पुतनिक-V की तरह इसे भी रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDFI) ने फाइनेंस किया है। RDFI के CEO किरिल दिमित्रिएव के मुताबिक, दुनियाभर में इसकी कीमत 10 डॉलर (करीब 730 रुपए) से कम रहेगी।
इस वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल में 7000 लोगों को शामिल किया गया। ट्रायल रूस, UAE और घाना में हुए। 28 दिनों बाद इसका डेटा एनालाइज किया गया। नतीजों में पाया गया कि यह वैक्सीन वायरस के सभी नए स्ट्रेन पर असरदार है। इसका डेटा बता रहा है कि यह कई दूसरी डबल डोज वैक्सीन से ज्यादा असरदार है।
इसकी ओवरऑल एफिकेसी 79.4% है। वैक्सीन लगवाने वाले 100% लोगों में 10 दिन बाद ही एंटीबॉडीज 40 गुना तक बढ़ गईं।
वैक्सीन लगवाने वाले सभी लोगों में कोरोना वायरस के S-प्रोटीन के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स डेवलप हुआ।
इस वैक्सीन के सिंगल डोज होने की वजह से बड़ी आबादी वाले देशों में वैक्सीनेशन रेट बढ़ाया जा सकेगा।
स्पुतनिक लाइट को 2 से 8 डिग्री टेम्प्रेचर पर स्टोर किया जा सकता है। इससे यह आसानी से ट्रांसपोर्ट हो सकेगी।
जिन लोगों को पहले कोरोना संक्रमण हो चुका है, ये वैक्सीन उन पर भी असरदार है।
वैक्सीन लगवाने के बाद कोरोना के गंभीर असर का खतरा कम हो जाएगा। ज्यादातर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन भी जल्द ही भारत में उपलब्ध हो सकती है। दरअसल, खून के थक्के जमने की वजह से अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका में इसके इस्तेमाल को रोक दिया गया था। अब अमेरिका ने इसके इस्तेमाल पर लगी रोक हटा ली है। अब तक इस्तेमाल हो रहीं कोरोना की ज्यादातर वैक्सीन के दो डोज लेने होते हैं। फिलहाल वैक्सीन ही कोरोना की स्थिति पर काबू पाने का सबसे कारगर उपाय दिख रहा है।