(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी घुसपैठ की बड़ी कोशिश को भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया है। 29-30 अगस्त की दरमियानी रात चीन के 500 सैनिकों ने पैंगोंग लेक के दक्षिणी किनारे के इलाके में घुसपैठ की कोशिश की। चीन की चालबाजियों को भांपते हुए वहां पहले से मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने उन्हें पीछे धकेल दिया। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई मगर कोई भारतीय सैनिक हताहत नहीं हुआ। चीन की इस हरकत ने दोनों देशों के बीच चार महीने से बने तनाव को बढ़ा दिया है।सीमा पर तनातनी के नए हालात को देखते हुए फिलहाल श्रीनगर-लेह राजमार्ग को आम नागरिकों के लिए बंद कर दिया गया है। सेना ने इस इलाके में तैनाती बढ़ा दी है। चीनी घुसपैठ को नाकाम करने की इस घटना की जानकारी सोमवार को सेना के प्रवक्ता ने बयान जारी कर दी। मामले को सुलझाने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच सोमवार को चुशूल में लंबी फ्लैग मीटिंग भी हुई। इस बैठक के नतीजों का अभी इंतजार है।भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने एलएसी पर जारी मौजूदा गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं में बनी सहमति का उल्लंघन किया। चीनी सैनिकों ने भड़काने वाली सैन्य गतिविधियों के जरिये पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति बदलने कीकोशिश की। भारतीय सैनिकों ने उनके इरादे भांपते हुए जमीनी हकीकत को बदलने के चीन के एकतरफा प्रयासों को नाकाम कर दिया। चीन को आगाह करते हुए सेना ने कहा कि भारतीय सेना बातचीत के जरिये सीमा पर शांति और स्थायित्व के लिए प्रतिबद्ध है। मगर हम अपनी भौगोलिक अखंडता की रक्षा के लिए भी उतने ही प्रतिबद्ध हैं।चीन की हरकतों को देखते हुए भारतीय सैनिक मोर्चे पर डटे हैं। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सैनिक अभी भी इस क्षेत्र के निकट अपने इलाके में रुके हुए हैं। भारतीय सैनिक भी उनकी संख्या के अनुपात में अपने इलाके में किसी भी हालात का मुकाबला करने की पूरी तैयारी के साथ मौजूद हैं। 29-30 अगस्त की दरमियानी रात करीब 500 चीनी सैनिक एलएसी पार कर भारतीय इलाके में कैंप लगाने की पूरी तैयारी से पहुंचे थे। चीनी चालबाजी को पहचान चुकी सतर्क भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों का कड़ा विरोध किया। कुछ मिनट तक दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प भी हुई। मगर भारतीय सैनिकों की सख्ती और दृढ़ता को भांपते हुए चीनी सैनिक पीछे हटने को बाध्य हो गए। चीनी सैनिकों ने पैंगोंग लेक के नए इलाके में इस नापाक हरकत से गलवन घाटी में हुई घटना को दोहराने की कोशिश की थी। 15-16 जून की दरमियानी रात गलवन घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और चीन के करीब 40 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या अब तक नहीं बताई है। चीन ने घुसपैठ की बात से इन्कार करते हुए उलटे भारतीय सैनिकों पर एलएसी के उल्लंघन का आरोप लगाया। चीन के पश्चिम थिएटर कमांड के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने दोनों देशों के बीच बहुस्तरीय वार्ता में बनी सहमति के विरुद्ध जाकर एलएसी का अतिक्रमण किया। चीन इसका कड़ा विरोध करता है। साथ ही भारत से आग्रह करता है कि वह एलएसी पार करने वाले अपने सैनिकों को वापस हटाए। चीनी सैन्य प्रवक्ता ने यह भी कहा कि भारतीय सैनिकों ने उसकी भौगोलिक संप्रभुता का गंभीर उल्लंघन किया है और भारत-चीन सीमा क्षेत्र में शांति व स्थायित्व की भी गंभीर अनदेखी की है।