भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने चीन की अध्यक्षता वाली UNSC बैठक का किया बहिष्कार ।

भारत जनवरी में UNSC में अस्थाई सदस्य के तौर पर शामिल हुआ था और उसके बाद से जयशंकर ने मंत्री स्तर की बैठकों में हिस्सा लिया है जब जनवरी में ट्यूनीशिया, फरवरी में ब्रिटेन और अप्रैल में वियतनाम ने अध्यक्षता की थी।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): भात ने छीन को वैश्विक मंच पर कडा संदेश दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उस बैठक का बहिष्कार कर दिया है जिसकी अध्यक्षता चीन कर रहा था। चीन के विदेश मंत्री वांग यी की अध्यक्षता में बहुपक्षीयता पर मंत्री स्तर की चर्चा होनी थी जिसमें भारत का प्रतिनिधित्व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने किया। पिछले साल पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेन पर हुए हिंसक हमले के बाद चीन को कड़ा संदेश दिया गया है।
विदेश मंत्री की गैरमौजूदगी से भारत का रुख साफ दिखाई दिया क्योंकि बाकी सभी सदस्य देशों के मंत्री बैठक में मौजूद थे। श्रृंगला ने अपने भाषण में कोरोना वायरस की महामारी के बीच वैश्विक कमजोरियां और गलतियां जाहिर हो गई हैं। उन्होंने कहा, ‘संयोजित वैश्विक प्रतिक्रिया में देरी से बहुपक्षीय व्यवस्था की कमजोरियां जाहिर हो गई हैं जो आज दिख रहा है। इससे विस्तृत बदलाव की जरूरत साफ हुई है।’
उन्होंने कहा कि महामारी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से लेकर असमान वैक्सीन वितरण तक की गलतियां जाहिर कर दीं और वैश्विक सहयोग और मजबूत बहुपक्षीयता की जरूरत समझाई है।
भारत जनवरी में UNSC में अस्थाई सदस्य के तौर पर शामिल हुआ था और उसके बाद से जयशंकर ने मंत्री स्तर की बैठकों में हिस्सा लिया है जब जनवरी में ट्यूनीशिया, फरवरी में ब्रिटेन और अप्रैल में वियतनाम ने अध्यक्षता की थी। चीन अभी दो और बैठकें करेगा एक अफ्रीका और कोविड-19 रिकवरी पर और एक शांतिदूतों की सुरक्षा बेहतर करने पर। कोविड19 के चलते परिषद की अनेक बैठकें वर्चुअल रही हैं।

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