भय्यू महाराज आत्महत्या केस में नया ख़ुलासा, जानिए ब्लैकमेल और कई महिलाओं के साथ रिश्तों की कहानी !
भय्यू महाराज आत्महत्या केस की जांच को नई दिशा में मोड़ दिया है। जानिए ब्लैकमेल और कई महिलाओं से रिश्तों की कहानी !
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): पांच करोड़ की फिरौती मांगने के आरोप में पकड़ाए ड्राइवर ने भय्यू महाराज आत्महत्या केस की जांच को नई दिशा में मोड़ दिया है। पुलिस पूछताछ में उसने जानकारी दी है कि आश्रम से जुड़ी एक युवती 40 करोड़ रुपए नकद, मुंबई में चार बीएचके का फ्लैट, 40 लाख रुपए की कार और खुद के लिए मुंबई के बड़े कॉर्पोरेट हाउस में नौकरी मांग कर रही थी। षड्यंत्र में पर्दे के पीछे महाराज के दो खास सेवादार शामिल थे। युवती अपने पास वीडियो और ऑडियो होने की बात कहकर धमकाती थी। 50 वर्षीय भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) ने इसी वर्ष 12 जून को अपने निवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस ने आत्महत्या का मामला मानकर जांच की और केस बंद करने की तैयारी कर ली, लेकिन एमआईजी पुलिस ने महाराज के करीबी ड्राइवर कैलाश पाटिल उर्फ भाऊ को वकील राजा उर्फ निवेश बड़जात्या से पांच करोड़ रुपए मांगने के आरोप में पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान कैलाश ने पुलिस, सूर्योदय आश्रम से जुड़े कुछ सेवादारों की पोल खोलकर रख दी। उसने कहा कि महाराज ब्लैकमेलिंग के कारण तनाव में रहने लगे थे। आश्रम से जुड़ी एक युवती ने धोखे से कुछ आपत्तिजनक वीडियो बना लिया। सबूत के तौर पर महाराज के कुछ कपड़े भी रख लिए थे। कुछ समय बाद युवती ने महाराज को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। महाराज ने महीनों तक लाखों रुपए ऑनलाइन और चेक से उसे दिए। अचानक यह युवती करोड़ों रुपए नकद, फ्लैट और नौकरी की मांग करने लगी। कैलाश का दावा है कि षड्यंत्र के पीछे सेवादार विनायक दुधाले और शेखर शामिल थे। आत्महत्या के पहले युवती ने महाराज से बात की थी। पूरी बातचीत के दौरान विनायक और शेखर भी मोबाइल कॉन्फ्रेंस पर थे। उसने दुष्कर्म का केस करने और अंत:वस्त्र पुलिस को सौंपकर डीएनए टेस्ट कराने की धमकी दी। उसने यह भी कहा था कि दिल्ली के शनि उपासक महाराज भी दुष्कर्म मामले में फंस गए हैं। इसी तरह का केस लगाकर वह उन्हें भी बदनाम कर देगी। महाराज तनाव में आ गए और लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मैं वर्ष 2004 से भय्यू महाराज की गाड़ी चला रहा था। मैं बहुत कम पढ़ा-लिखा हूं। मुझे अंग्रेजी नहीं आती थी, लेकिन महाराज के साथ रहते अंग्रेजी समझने लगा था। महाराज मेरे सामने ही कार में लड़कियों से बातें करते थे। उन्हें लगता था कि मुझे कुछ समझ में नहीं आता है लेकिन मैं समझ जाता था। सोनिया, पलक, शालिनी, मल्लिका सहित 12 लड़कियों से महाराज के संबंध थे। इसमें अन्य राज्य की दो महिला आईएएस भी शामिल हैं। विनायक और शेखर को सब पता है। दोनों के पास लड़कियों के फोन आते थे। मुझे पता है दोनों ने रुपए ऐंठने का प्लान तैयार किया था। अचानक मुझे छह महीने के लिए कुहू के पास पुणे भेज दिया और मैं आश्रम से दूर हो गया। ब्लैकमेल करने वाली लड़की महाराज की विश्वसनीय मनमीत के घर के सामने रहती थी। मनमीत ने विनायक और शेखर से मिलवाया था। उसे आश्रम में रखवा दिया और कामकाज संभालने लगी। पूर्व में हुई पूछताछ में परिजन और सेवादारों ने बयान नहीं दिए। ड्राइवर के कबूलनामे में जिन लोगों के नाम सामने आए उनकी भूमिका संदिग्ध है। पूछताछ के लिए सभी की तलाश की जा रही है। जिस युवती पर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगे हैं उसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है। जांच टीमों को पूरे मामले में सबूत जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। परिचित के जरिए कोई युवती मिली थी। उसकी महाराज से भेंट करवा दी। उसने संस्था के कार्य में हाथ बंटाने की इच्छा जाहिर की थी। मुझे ब्लैकमेलिंग के बारे में जानकारी नहीं है। मुझ पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं, मेरा कोई लेना-देना नहीं है। एमआईजी पुलिस ने शुक्रवार को आरोपित ड्राइवर कैलाश पाटिल और साथी अनुराग रोजिया व सुमित चौधरी को कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर ले लिया। टीआई तहजीब काजी के मुताबिक आरोपितों से कार, मोबाइल और सिम बरामद करना है। उनकी कॉल डिटेल की छानबीन की जा रही है। आरोपितों का भाजपा नेता सुरेश यादव से संपर्क होना पाया गया है। उसकी भूमिका की जांच की जा रही है।