बैंकों के महाविलय से जानें क्या पड़ेगा आप पर प्रभाव।
बैंक जो भी फैसले लेंगे उसके बारे में ग्राहकों को पहले सूचित करेंगे और इसके लिए समय भी देंगे।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने के सरकार के फैसले के बाद असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अर्थव्यस्था को मजबूती देने के लिए सरकार ने 10 सरकारी बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है। इस फैसले का बैंक ग्राहक, निवेशक, कारोबारी और कर्मचारियों पर व्यापक असर पड़ने वाला है। बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में आईएफएससी कोड सहित कई बदलाव होंगे। विलय के बाद होने वाले बदलावों पर पेश है एक रिपोर्ट।
* अगर आपका बचत खाता विलय होने वाले सरकारी बैंक में है तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
* अगर जिस बैंक का विलय हो रहा है उस बैंक के बचत बैंक खाताधारक हैं तो खाता संख्या में बदलाव हो सकता है।
* आपको नए बैंक से नई चेकबुक लेनी पड़ सकती है।
* नई पासबुक और नया एटीएम कार्ड भी बनवाना पड़ सकता है।
* बैंक जो भी फैसले लेंगे उसके बारे में ग्राहकों को पहले सूचित करेंगे और इसके लिए समय भी देंगे। बड़े बैंक सामान्यत: सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज कम देते हैं और छोटे बैंक ज्यादा देते हैं। पहले से कराई गई एफडी पर कोई असर नहीं होगा। लेकिन, नई कराने पर कम ब्याज मिल सकता है क्योंकि, एफडी की दर बैंकों में अलग-अलग है। ऐसे में नई एफडी पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। बड़े बैंको की कर्ज पर ब्याज दरें छोटे बैंकों के मुकाबले कम हैं। ऐसे में आपने जिस बैंक से कर्ज लिया है और उसका विलय किसी बड़े बैंक में हो रहा है तो आपको फायदा हो सकता है। कर्ज पर आपको ब्याज कम चुकाना पड़ेगा जिससे ईएमआई घट सकती है। आपने आवास ऋण (होम लोन), कार लोन या किसी अन्य तरह का कर्ज लिया है जिसकी मासिक किस्त (ईएमआई) ईसीएस से चुकाते हैं या बिजली-पानी, टेलीफोन बिल का भुगतान ईसीएस के जरिये करते हैं तो बैंकों के विलय के बाद उसमें कुछ बदलाव करने पड़ सकते हैं।
किसी भी तरह के बदलाव या नई चेकबुक लेनी पड़ती है तो ईसीएस के लिए उसे तुरंत अपडेट कराना होगा जिससे ईएमआई समय पर जाए और कोई परेशानी नहीं हो।आयकर रिटर्न भरते समय सभी खातों की जानकारी देने के साथ उनमें से एक खाते का रिफंड के लिए भी चयन करना पड़ता है। विलय के बाद आपकी खाता संख्या, आईएफएससी कोड या कोई अन्य बदलाव होता है तो उसकी जानकारी रिटर्न भरते समय देनी पड़ेगी। बैंक खाता में किसी भी तरह के बदलाव की स्थिति में आपको अपने नियोक्ता को उसकी जानकारी देनी होगी। अपने एचआर को नए बदलाव के बारे में अवगत कराना होगा जिससे आपका वेतन सही समय पर उस खाते में दिया जा सके।विलय के बाद बैंकों की शाखाओं के आईएफएससी कोड बदल सकते हैं। बैंकों के विलय के बाद आस-पास की शाखाओं को भविष्य में आपस में जोड़ा या एक किया जा सकता है। अगर बैंक ऐसा करता है तो इस बारे में ग्राहकों को पहले से जानकारी देगा। बदलाव कई होंगे जिनसे उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों को पहले ही अवगत करा दिया जाएगा।