बेरूत में हुए विस्फोट में मरनेवालों की संख्या बढ़कर 135 हुई, 5,000 से ज्यादा घायल
बेरूत विस्फोट में जर्मन राजनयिक भी मारे गए, अब तक 135 की मौत, 6 घंटे पहले
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए जबरदस्त विस्फोट में जर्मन राजनयिक भी मारे गए। यह जानकारी बर्लिन ने दी है। बेरूत को हिला देने वाले विस्फोट में 135 लोग मारे गए और 5,000 से अधिक घायल हो गए। इनकी संख्या बढ़ सकती है। आम आदमी से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक जानलेवा धमाके को लेकर चिंता जताई है। बेरूत की बचाव टीमों ने बुधवार को शवों को बाहर निकाला और भारी संख्या में लापता लोग भी मिले, जो मलबे में दबे हुए थे। यह धमाका राजधानी स्थित गोदाम में हआ। इस धमाके से बेरूत में विनाशकारी तस्वीरें सामने आई। संवेदना प्रकट करते हुए एफिल टॉवर ने भी अपने लाइट्स बंद कर दी। जिसके बाद अंधकार छा गया। गोदाम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एफिल टॉवर ने अपनी लाइट्स बंद कर दी। इसके अलावा पेरिस में के बाहर एक लोगों के समूह ने मोमबत्ती जलाते हुए दुख जताया। प्रधानमंत्री हसन दीब ने गुरुवार से देश में तीन दिनों के शोक की घोषणा की। शुरुआती जांच में बेरूत बंदरगाह पर विस्फोट के लिए लापरवाही का आरोप लगाया गया है। विस्फोट इतना तेज था कि काफी दूर तक घरों की खिड़कियां टूट गईं। स्थानीय टीवी चैनलों के मुताबिक, पोर्ट के पास जहां धमाका हुआ, वहां एक गोदाम में पटाखे जमा किए गए थे। यह विस्फोट बेरूत में अब तक का सबसे शक्तिशाली था, जो कि तीन दशक पहले खत्म हुए गृहयुद्ध और आर्थिक मंदी से उबरने और कोरोना वायरस संक्रमणों में वृद्धि के समय हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों ने यहां तक कहा कि ऐसा लगा मानो कोई परमाणु हमला हुआ हो। लेबनान के वैज्ञानिकों ने भी कहा कि 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट विस्फोटक से जैसा ब्लास्ट हुआ है, वह दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिरोशिमा में हुए एटम बम धमाके की 20 फीसद तीव्रता का है। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि लगभग 100 मील (160 किमी) की दूरी पर साइप्रस तक सुने गए ब्लास्ट का धुआं सवेरे तक बंदरगाह से निकलता रहा। बेरूत के गवर्नर ने भी हादसे की तुलना हिरोशिमा-नागासाकी परमाणु बम धमाके से की है।