(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): बता दें की इन दिनो चुनाव को लेकर बिहार की राजनीति में काफ़ी उथल पुथल है।रविवार, 11 अक्टूबर को गया में भाजपा की पहली एक्चुअल रैली में यह स्पष्ट करने की कोशिश हुई कि कार्यकर्ता किसी भ्रम में न रहें। भाजपा नीतीश के साथ मजबूती से खड़ी है, क्योंकि नीतीश हैं तो बिहार तेजी से आगे बढ़ेगा। लोजपा के राह बदलने के बाद भाजपा बार-बार यह संदेश दे रही और चुनाव प्रचार के आगाज के साथ इसी मंत्र को आगे बढ़ाया गया है।रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गया में सभा की और सोमवार को नीतीश कुमार ने जदयू प्रदेश कार्यालय से 11 विधानसभा क्षेत्रों के लिए वर्चुअल रैली। इन दोनों रैलियों में डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों के साथ नीतीश कुमार का नेतृत्व चर्चा में रहा। जानकार मानते हैं कि लोजपा को यह ताकीद कराया जा रहा कि किस्म-किस्म की चर्चा के बीच पार्टी का सही स्टैंड क्या है। इधर, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि लोजपा का बिहार में भाजपा से कुछ लेना-देना नहीं है। हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं।
जेपी नड्डा ने यह साफ तौर पर कहा कि नीतीश हैं तो बिहार तेजी से आगे बढ़ेगा। उनकी यह लाइन उस लाइन के तुरंत बाद थी कि मोदी हैं तो मुमकिन है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार का नेतृत्व नीतीश कुमार के हाथ में सुरक्षित रहे। हफ्ते भर के भीतर यह दूसरा मौका था, जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने यह दोहराया था कि जो नीतीश कुमार के साथ नहीं है, उनसे हमें कोई मतलब नहीं। रविवार को पार्टी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव ने भी पुन: नीतीश कुमार के चेहरे पर अपनी बात कही।राजग के चुनावी मंच पर डबल इंजन की सरकार से बिहार को हुए फायदे की बात बड़े ही मुखर अंदाज में की जा रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार पैकेज के तहत राज्य में आधारभूत संरचना के क्षेत्र में किस तरह निवेश हुआ और इसके क्या फायदे हुए, यह बताया जा रहा। यहां भी भाजपा नेता नीतीश कुमार के नेतृत्व का उल्लेख कर रहे।केंद्र के नीतीश सरकार की तालमेल काफ़ी अच्छी रही है