फेसबुक ने बेचा माइक्रोसॉफ्ट सहित 150 कंपनियों को अपने यूजर्स का डाटा।
फेसबुक पर यूजर्स का डाटा 150 कंपनियों को बेचने का आरोप है, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल हैं।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : कैंब्रिज एनालिटिका डाटा लीक मामले के बाद फेसबुक एक बार फिर से मुश्किलों में घिर सकती है। फेसबुक पर यूजर्स का डाटा 150 कंपनियों को बेचने का आरोप है, जिनमें माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल हैं। लीक हुए आंतरिक दस्तावेजों के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने यूजर्स की निजी जानकारी समेत उनके दोस्तों से जुड़ी जानकारी भी दूसरी कंपनियों से साझा की और इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकार भी किया है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने मंगलवार को लिखा कि फेसबुक ने नेटफिलिक्स और स्पॉटीफाई को यूजर्स के निजी संदेश पढ़ने की अनुमति दी। कंपनी ने माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन बिंग को यूजर्स के दोस्तों के नाम देखने और अमेजन को यूजर्स के नाम ढूंढने और प्लेटफॉर्म पर मौजूद दोस्तों के जरिये कांटेक्ट की जानकारी हासिल करने की इजाजत दी थी। सबसे चिंताजनक बाद यह है कि न ही फेसबुक और न ही इन कंपनियों ने यूजर्स के डाटा को लेने से पहले उनकी अनुमति ली है। रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक और इन कंपनियों के बीच करार तीन वर्गों में हुआ है, जो अलग-अलग नामों से है। रिपोर्ट के मुताबिक, आंतरिक दस्तावेजों में फेसबुक के 50 पूर्व कर्मचारियों और कॉरपोरेट साझेदारों के साक्षात्कार से यह पता चलता है कि सुरक्षा के बावजूद फेसबुक ने कुछ कंपनियों को आंकड़े साझा करने की अनुमति दी। रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि एक महीने में करीब करोड़ों लोगों का डाटा साझा किया गया। फेसबुक और कंपनियों के बीच सबसे पुराना करार 2010 का है और ज्यादातर 2017 तक जारी रहे। इनमें से कुछ करार अब भी जारी हैं। दस्तावेजों के मुताबिक, यूजर्स यह नियंत्रण कर सकते हैं कि फेसबुक प्लेटफॉर्म पर मौजूद एप पर क्या जानकारी साझा करनी है। इसके बावजूद कुछ कंपनियों ने डाटा शेयरिंग बंद करने के बाद भी उनके डाटा में सेंध लगाई। फेसबुक के सह संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने अप्रैल में अमेरिकी सांसदों को भरोसा दिया था कि लोग फेसबुक पर जो भी शेयर करते हैं उस पर उनका पूरा नियंत्रण होता है। इसके बावजूद उन्होंने यूजर्स का भरोसा तोड़ा है।