प्राइवेसी लीक मामले पर फेसबुक को 5 अरब डॉलर के जुर्माने की सिफारिश।

किसी टेक कंपनी पर यह अब तक की सबसे बड़ी पेनल्टी होगी। इससे पहले 2012 में गूगल पर 154 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : अमेरिकी रेग्युलेटर फेडरल ट्रेड कमीशन (एफटीसी) ने डेटा लीक मामले में फेसबुक पर 5 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपए) के जुर्माने की सिफारिश की है। किसी टेक कंपनी पर यह अब तक की सबसे बड़ी पेनल्टी होगी। इससे पहले 2012 में गूगल पर 154 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था। फेसबुक के जुर्माने पर अंतिम फैसला अमेरिकी न्याय विभाग करेगा। मार्च 2018 में फेसबुक के डेटा लीक का सबसे बड़ा मामला सामने आया था। एफटीसी ने फेसबुक को यूजर्स के डेटा की प्राइवेसी और सुरक्षा में चूक का दोषी पाया है। ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका को डेटा लीक करने के मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग की अमेरिकी संसद में भी पेशी हुई थी। उसके बाद एफटीसी ने जांच शुरू कर दी थी। फेसबुक ने अपने खिलाफ जांच शुरू होने के बाद ही कानूनी समझौते के लिए 3 से 5 अरब डॉलर के सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था। एफटीसी ने भी मामले की जांच खत्म करने के लिए इन्हीं शर्तों के तहत कंपनी पर जुर्माने की रकम तय की। हालांकि, पेनल्टी की रकम फेसबुक के 2018 के रेवेन्यू के मुकाबले सिर्फ 9% है।  ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक के 8.7 करोड़ यूजर्स का डेटा हासिल किया था। फेसबुक को इस बात की जानकारी थी। कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया था। एफटीसी के अलावा अमेरिकी शेयर बाजार का रेग्युलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस भी जांच कर रहे हैं।

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