पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में 3 मई तक बढ़ाया लॉकडाउन।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि लॉकडाउन को अब 3 मई तक बढ़ाना पड़ेगा।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ओम तिवारी : प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के कारण देश में जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने का फैसला लिया है।  हां, एक बात जरूर कि 20 अप्रैल से कुछ जरूरी चीजों में थोड़ी छूट दी जाएगी। ये छूट वहां मिलेगी, जहां कोरोना नहीं फैलेगा। कल यानी बुधवार को एक गाइडलाइन भी जारी होगी। लेकिन ये अभी से बता दिया गया है कि इसमें जरा भी गड़बड़ी हुई और कोरोना ने आहट दी तो सभी छूट खत्म। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को ये सब घोषणाएं कीं। 26 दिन में कोरोना पर यह उनका चौथा संबोधन था। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है कि लॉकडाउन को अब 3 मई तक बढ़ाना पड़ेगा। कल इस बारे में सरकार की तरफ से विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। कई राज्य तो पहले से ही लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने का खतरा है, वहां कड़ी नजर रखनी होगी। इसलिए अगले एक हफ्ते तक सख्ती और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को बड़ी बारीकी से परखा जाएगा।’’  मोदी सरकार देशभर में कोरोना के हॉटस्पॉट्स पर नजर रखेगी। देश में अभी 13 शहर हॉटस्पॉट हैं। ये हैं- मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल, राजस्थान का जयपुर, गुजरात का अहमदाबाद, देश की राजधानी दिल्ली, यूपी का नोएडा, महाराष्ट्र का मुंबई और पुणे, केरल का कन्नूर और कासरगोड, तेलंगाना का हैदराबाद और तमिलनाडु का चेन्नई और कोयंबटूर। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो इस अग्नि परीक्षा में सफल होंगे, जो अपने यहां हॉटस्पॉट नहीं बढ़ने देंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति, छूट दी जा सकती है। गरीब भाई-बहनों की आजीविका को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है।’’ देश के 718 जिलों में से 380 जिलों में कोरोना पहुंच चुका है। 104 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस बार बाहर निकलने के नियम बहुत सख्त होंगे। लॉकडाउन के नियम टूटे और कोरोना बढ़ा तो तुरंत सारी रियायतें वापस हो जाएंगी। छूट इसलिए दी जा रही है ताकि हर दिन की कमाई से अपना परिवार चलाने वाले काम पर लौट सकें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बीते दिनों के अनुभवों से यह साफ है कि हमने जो रास्ता चुना, आज की स्थिति में वही हमारे लिए सही है। सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है। अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह महंगा जरूर लगता है, बहुत बड़ी कीमत भी चुकानी पड़ी है, लेकिन भारतवासियों की जिंदगी के आगे इसकी कोई तुलना नहीं हो सकती।’’ भारत अभी स्टेज-3 यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के दौर में नहीं पहुंचा है, जब कोरोना फैलने के सोर्स का ही पता नहीं लग पाता। देश में लॉकडाउन के पहले दिन 659 मरीज थे। 20 दिन में संक्रमितों की संख्या 15 गुना बढ़ चुकी है। जबकि अमेरिका में 20 दिनों में मरीज 200 गुना से ज्यादा बढ़ चुके हैं, क्योंकि वहां टाेटल लॉकडाउन नहीं है। मोदी ने कहा, ‘‘दुनिया के बड़े-बड़े देशों की तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है। महीना-डेढ़ महीना पहले कई देश कोरोना संक्रमण के मामले में भारत के बराबर खड़े थे, आज उन देशों में भारत की तुलना में कोरोना के मामले 25 से 30 गुना बढ़ गए हैं। उन देशों में हजारों लोगों की दुखद मृत्यु हो चुकी है। भारत ने पुलिसिंग अप्रोच, इंटिग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती, समय पर तेज फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत की स्थिति क्या होती, इसकी कल्पना करते ही रोएं खड़े हो जाते हैं।’’ सरकार द्वारा लिए गए कड़े फैंसलों से अन्य विकसित देशों के मुकाबले भारत में स्थिति काफी बेहतर है।

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