पीएफआइ की रैली में जिस बच्चे ने लगाए थे भड़काऊ नारे, उसके पिता को पुलिस ने हिरासत में लिया ।

बच्चे के पिता को हिरासत में लेने की पुष्टि करते हुए एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसे कोच्चि में उसके घर से पकड़ा गया और उसे अलपुझा पुलिस को सौंप दिया गया है।

(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ): सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने वाले नारे को PFI रैली लगाने वाले बच्चे के पिता के खिलाफ कार्रवायी हुई है। केरल हाई कोर्ट के कड़ा रुख अपनाने और राज्य सरकार को 10 साल के लड़के से गैर मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ नारे लगवाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश देने के बाद पुलिस ने शनिवार को बच्चे के पिता को भी हिरासत में ले लिया। अलपुझा में 21 मई को पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) की रैली में बच्चे से भड़काऊ नारे लगवाए गए थे।
बच्चे के पिता को हिरासत में लेने की पुष्टि करते हुए एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसे कोच्चि में उसके घर से पकड़ा गया और उसे अलपुझा पुलिस को सौंप दिया गया है। लेकिन बच्चे के पिता ने कहा कि लड़के को किसी ने नहीं सिखाया था और उसने खुद ही ऐसा किया। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले लड़के के पिता ने कहा, ‘यही नारे इससे पहले कई बार भी लगाए गए थे और आश्चर्य है कि तब कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस बार यह कैसे ऐसा हो गया।’
जिस समय पुलिस बच्चे के घर पर पुलिस पहुंची उस समय वहां अच्छी संख्या में मौजूद पीएफआइ के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। इससे पहले कोच्चि के समीप थोप्पुंपादी के निवासी बच्चे का परिवार घर से भाग निकला था जिससे पुलिस किसी को पकड़ नहीं पाई थी। शुक्रवार को अलपुझा रैली में भाग लेने वाले करीब 18 लोगों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है।
वहीं हिजाब व मलाली मंदिर-मस्जिद विवाद दोबारा गर्माने के बाद तटीय कर्नाटक क्षेत्र के दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ व उडुपी में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया। हिजाब विवाद भी यहीं से शुरू हुआ था। गर्मी छुट्टियों के बाद जब स्कूल-कालेज खुले तो हिंदू छात्रों ने कक्षा में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर आने के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। यूनिवर्सिटी कालेज मेंगलुरु में छात्रों द्वारा प्रदर्शन के बाद भाजपा विधायक वेदव्यास कामत ने कालेज प्रबंधन व विद्यार्थियों के साथ बैठक की। फिलहाल पीएफआई रैली में लगाए गए इन नारों की पूरे देश में आलोचना हुई थी।

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