पाकिस्तान चुनाव: वोटिंग शुरू, पीएम पद के 3 दावेदार।
272 सीटों पर वोटिंग : नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। 60 सीटें महिलाएं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। बाकी 272 सीटों पर वोटिंग होगी।
(एनएलएन मीडिया – न्यूज़ लाइव नाऊ) : ‘नए पाकिस्तान’ के लिए पड़ोसी मुल्क की जनता आज नई सरकार चुन रही है। नजर प्रधानमंत्री पद के तीन दावेदारों पर है। इनमें सबसे मजबूत दावेदार हैं इमरान खान। वे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख हैं। वे पार्टी के 22 साल के इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे दावेदार हैं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ। नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम के चुनावी दौड़ से हटने के बाद वे पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। तीसरे दावेदार हैं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बिलावल भुट्टो। बिलावल पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं। तीनों उम्मीदवार एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। बिलावल पहली बार चुनावी मैदान में हैं। पाकिस्तान में संसद यानी नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली के चुनाव एक साथ हो रहे हैं। 272 सीटों पर वोटिंग : नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। 60 सीटें महिलाएं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। बाकी 272 सीटों पर वोटिंग होगी। चार प्रांत- पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में भी नई सरकार चुनी जाएगी। शाम छह बजे मतदान खत्म होते ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। 26 जुलाई को दोपहर दो बजे तक नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। अब तक के सर्वे के मुताबिक, इमरान खान सरकार बनाते दिख रहे हैं। हालांकि, नवाज शरीफ का जेल जाना इमोशनल कार्ड के रूप में उनकी पार्टी पीएमएल-एन को फायदा पहुंचा सकता है। क्या है नए पाकिस्तान का मुद्दा : 2013 तक पाकिस्तान के आम चुनाव में भारत का विरोध, कश्मीर की आजादी, बलूचिस्तान-अफगानिस्तान और अमेरिका मुद्दा होता था। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ-बेनजीर भुट्टो और पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमते थे। इस बार ऐसा नहीं है। 65 साल के इमरान ने ही सबसे पहले नए पाकिस्तान का नारा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ और पीपीपी के बिलावल भुट्टो ने भी अपने-अपने घोषणा-पत्र में पाकिस्तान को तरक्की की नई राह पर ले जाने का वादा किया। बिलावल तो यह तक दावा कर चुके हैं कि अगर वे प्रधानमंत्री बने तो छह महीने में मुल्क भारत से आगे निकल जाएगा।